ऑपरेशन जागृति फेज- 4.O" अभियान शुरू

Apr 17, 2025 - 16:36
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ऑपरेशन जागृति फेज- 4.O" अभियान शुरू

"ऑपरेशन जागृति फेज- 4.O" "INTENSIVE COMMUNITY OUTREACH FOR EMPOWERING WOMEN AND GIRLS FOR SAFETY AND AWARENESS"

एडीजी आगरा जोन के निर्देशन में महिलाओं एवं बालिकाओं की जागरूकता, स्वावलंबन और उनके प्रति होने वाले अपराधों में कमी लाने हेतु चलाए जा रहे "ऑपरेशन जागृति फेज-4.O" अभियान के अंतर्गत राज्य महिला आयोग की सदस्य रेनू गौड़, मारहरा विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में कोतवाली नगर क्षेत्र अंतर्गत राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में जनपद के सभी विभागाध्यक्षों के साथ यूनिसेफ के सौजन्य से अभिमुखीकरण (Orientation) कार्यक्रम आयोजित कर अभियान का शुभारंभ किया गया।

एटा। दिनांक 17.04.2025 को महिलाओं एवं बालिकाओं की जागरूकता व स्वावलंबन और उनके प्रति होने वाले अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से “ऑपरेशन जागृति फेज-4.O” के तहत कोतवाली नगर क्षेत्र के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में विभागाध्यक्षों के साथ यूनिसेफ द्वारा अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक एवं यूनिसेफ प्रतिनिधियों द्वारा विभागीय दायित्वों एवं अभियान के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की गई, जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अभियान की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए समस्त विभागाध्यक्षों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन के निर्देशन में आगरा और अलीगढ़ मंडल के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, ICDS, युवा एवं खेल, एनजीओ, मनोवैज्ञानिक, काउंसलर, यूनिसेफ और पुलिस विभाग के समन्वय से चलाया जा रहा है।

यूनिसेफ द्वारा इस हेतु विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की गई है। यूनिसेफ प्रतिनिधियों ने बताया कि महिला एवं बालिकाओं से संबंधित अपराधों की शिकायतें जनसुनवाई व अपराध आख्या के माध्यम से प्राप्त हो रही हैं, जिनमें पारिवारिक या भूमि विवादों को महिला अपराधों से जोड़ने की प्रवृत्ति भी देखने को मिल रही है। वहीं, बलात्कार व शीलभंग जैसे मामलों में पीड़िता की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है और उन्हें काउंसलिंग की आवश्यकता होती है। नाबालिग बालिकाओं के प्रेम संबंध, लिव-इन रिलेशनशिप जैसी स्थितियों में फँसने और साइबर बुलिंग जैसी चुनौतियों का सामना करने की चर्चा भी की गई। इन स्थितियों में संवाद, शिक्षा और परामर्श बेहद जरूरी है ताकि महिलाएं और बालिकाएं ऐसे षड्यंत्रों का शिकार न हों और उन्हें न्याय, सहायता और पुनर्वास का अवसर मिल सके। कार्यक्रम के अंतर्गत 17 अप्रैल से 16 मई 2025 तक जनपद, ब्लॉक, ग्राम पंचायत और थाना स्तर पर अधिकारियों द्वारा संवाद व परामर्श किया जाएगा।

जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक एवं जिला विकास अधिकारी होंगे, जबकि ब्लॉक स्तर पर क्षेत्राधिकारी और बीडीओ, ग्राम पंचायत/थाना स्तर पर थाना प्रभारी और एडीओ पंचायत होंगे। महिला बीट अधिकारी, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, यूनिसेफ एवं अन्य विभाग मिलकर इसे धरातल पर लागू करेंगे। इस अभियान के सफल संचालन से अपराधों, झूठी रिपोर्टिंग, एलोपमेंट और अन्य समस्याओं में कमी आने की संभावना है। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के मध्य महिलाओं एवं बालिकाओं से संबंधित अपराधों को लेकर वाद-विवाद भी आयोजित किया गया। उपस्थित dignitaries में शामिल रहे: राज्य महिला आयोग सदस्य रेनू गौड़, विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी नागेंद्र नारायण मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर अमित कुमार राय, क्षेत्राधिकारी सकीट कीर्तिका सिंह, प्रोबेशन कार्यालय सेंट्रल मैनेजर जागृति चतुर्वेदी, यूनिसेफ जिला कॉर्डिनेटर कल्पना जौहरी एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण।