माँ बेटी के एशो आराम से खुली पोल, पुलिस की रेड में में मिली अवैध कमाई

Nov 10, 2025 - 09:49
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माँ बेटी के एशो आराम से खुली पोल, पुलिस की रेड में में मिली अवैध कमाई

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक मां-बेटी की जोड़ी बड़े ऐशो आराम से रहती थी. किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी. कमरा रुपयों से भरा रहता था. हर कोई उनकी अमीरी देखकर दंग रह जाता था। सवाल उठता था कि आखिर करते क्या हैं ये लोग. एक दिन जब पुलिस इनके घर पहुंची तो अंदर का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए।

हर तरफ रुपये ही रुपये थे। सोना-चांदी से लेकर कैश से इनका कमरा गुलजार था. नोट इतने ज्यादा थे कि गिनते-गिनते दरोगा साहब के पसीने ही छूट गए. जब पुलिस ने कमाई की ट्रिक जानी तो सारा माजरा समझ आया. आइए जानते हैं मामला… दरअसल, प्रतापगढ़ पुलिस ने नशा तस्कर राजेश मिश्रा की काली कमाई का पर्दाफाश किया है. राजेश जेल में बंद होने के बावजूद घर से ही नशा तस्करी का कारोबार चला रहा था. पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह मानिकपुर थाना क्षेत्र के मूंदीपुर गांव में राजेश मिश्रा के घर पर छापेमारी की गई. घर में इतनी नगदी और नशा मिला कि पुलिस को नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी। 24 घंटे तक चलने वाली इस कार्रवाई में पुलिस ने लगभग 1 करोड़ 1 लाख रुपये नकद, 1 करोड़ 15 लाख रुपये का स्मैक और 6 किलो गांजा बरामद किया. नोटों की गिनती में 10 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट शामिल थे। इस मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, "देखो कहीं लौटाना न पड़े. पुलिस को लेने के देने न पड़ जाएं।

पुलिस ने महत्त्वपूर्ण लोगों से ले लिया है पंगा, जिन्हें सेवन के बाद सब दिखता है चंगा। पुलिस के अनुसार, राजेश मिश्रा को महीनों पहले ही गांजा और स्मैक के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है और उसकी 3 करोड़ रुपये की संपत्ति भी गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की जा चुकी है। जेल जाने के बाद उसकी पत्नी रीना मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा और बेटा विनायक मिश्रा ने नशा तस्करी का काम संभाल लिया. रीना मिश्रा पर गैंगस्टर और एनडीपीएस एक्ट में सात मुकदमे दर्ज हैं. वहीं, उनके बेटे विनायक पर भी एनडीपीएस एक्ट समेत कई धाराओं में दो मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने इस कार्रवाई में राजेश मिश्रा के परिवार के तीन सदस्यों के अलावा गांव के अजीत और यश मिश्रा को भी गिरफ्तार किया. सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

 पुलिस ने बताया कि यह गिरोह जेल के अंदर से ही नशा तस्करी का काम चला रहा था. पूरे घर में नोटों और नशे की सामग्री का भंडार था. नोटों की गिनती मशीन से 24 घंटे लगातार की गई. पुलिस ने इसे प्रतापगढ़ का सबसे बड़ा नशा तस्करी मामला बताया।