महिला वकील और महिला जज में केस सुनवाई के बाद चले लात-घुसे
महिला वकील और महिला जज में केस सुनवाई के बाद चले लात-घुसे
महाराष्ट्र की एक अदालत में भारत की न्यायिक प्रणाली में एक अनूठा और अप्रत्याशित घटना घटी, जब पहली बार एक महिला जज और महिला अधिवक्ता के बीच खुलेआम हाथापाई हुई।
यह घटना उस समय घटी जब महिला जज ने अधिवक्ता की मंगेतर को जमानत देने से इनकार कर दिया। विवाद के बढ़ते स्तर के कारण एक महिला पुलिस अधिकारी को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों को अलग करना पड़ा। घटना के विवरण के अनुसार, मामला महाराष्ट्र के एक जिले की अदालत में हुआ। महिला अधिवक्ता की मंगेतर के खिलाफ चल रहे मामले में जज ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
यह निर्णय सुनते ही अधिवक्ता ने जज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जो जल्द ही एक भयंकर हाथापाई में बदल गया। दोनों के बीच की तीखी बहस और शारीरिक संघर्ष को अदालत के अंदर मौजूद लोगों ने देखा और इसकी वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि अधिवक्ता ने जज के खिलाफ तीखी आपत्ति जताते हुए गुस्से में आकर उन पर आरोप लगाया।
जज ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन हाथापाई की स्थिति ने अदालत के माहौल को पूरी तरह से अशांत कर दिया। महिला पुलिस अधिकारी ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए दोनों पक्षों को अलग किया और स्थिति को संभाला। इस घटना ने भारतीय न्यायिक प्रणाली में महिलाओं की भूमिका और उनकी सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है।
जहां एक ओर भारतीय अदालतों में महिलाएं न्यायाधीश और अधिवक्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार की घटनाएं न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा को प्रभावित करती हैं। इस घटना के बाद, न्यायपालिका और कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
यह घटना न्यायपालिका के लिए एक चेतावनी है कि कोर्ट में विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण और व्यावसायिक तरीके से किया जाना चाहिए, ताकि कानून और न्याय की प्रतिष्ठा बनी रहे। आशा की जाती है कि इस घटना के बाद अदालतों में व्यावसायिकता और अनुशासन को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।