UP News : झाड़फूंक के लिए नाबालिग़ बंद कमरे में तांत्रिक के हवाले
UP News : झाड़फूंक के लिए नाबालिग़ बंद कमरे में तांत्रिक के हवाले
उत्तर प्रदेश के झांसी में अंधविश्वास के नाम पर इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। बरुआसागर थाना क्षेत्र में एक 12 साल की लड़की की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजनों ने झाड़-फूंक के लिए मध्य प्रदेश के निवाड़ी निवासी तांत्रिक हरवजन को बुला लिया। इलाज के नाम पर तांत्रिक ने जो किया, उसने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया है। बंद कमरे की गई तांत्रिक की करतूतों को सुनने के बाद पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है।
पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और तांत्रिक की तलाश में जुटी है। लड़की के पिता ने बताया कि तांत्रिक हरवजन को पहले भी गांव में झाड़-फूंक के लिए बुलाया जाता रहा है, इसलिए उसे भरोसेमंद समझकर घर बुलाया गया। तांत्रिक आया और उसकी बेटी को इलाज के लिए घर के अंदर बने कमरे में ले गया। उसने माता-पिता को बाहर आंगन में बैठने को कहा और दरवाजा बंद कर लिया। तांत्रिक ने पहले लड़की को डराया कि उसके ऊपर बहुत भारी 'भूत-प्रेत' का साया है। फिर झाड़-फूंक के नाम पर उसके सारे कपड़े उतरवा लिए। उसने नींबू काटकर किशोरी के पूरे शरीर पर रगड़ा और अश्लील हरकतें कीं। जब तांत्रिक ने हदें पार करनी शुरू कर दी तो किशोरी के चीखने-चिल्लाने लगी और विरोध किया।
बाहर तक लड़की की आवाज पहुंची तो परिजन भी अंदर आने के लिए दरवाजा पीटने लगे। इससे तांत्रिक घबरा गया और मौका पाकर दूसरे दरवाजे से फरार हो गया। जब परिजन कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो बेटी बुरी तरह सहमी और रोती हुई मिली। तब तक तांत्रिक फरारा हो गया था। बेटी की आपबीती सुनकर परिजन उसे लेकर तुरंत बरुआसागर थाना पहुंचे। यहां पूरी घटना की शिकायत की। थाना प्रभारी के सामने किशोरी ने जो कुछ बताया, उसे सुनकर पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए। पुलिस ने तत्काल तांत्रिक के खिलाफ 376 (बलात्कार का प्रयास), 511, 323 के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट की धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है। बरुआसागर के वरिष्ठ उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी तांत्रिक की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। उसका आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है।
आसपास के जिलों और मध्य प्रदेश की पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि आरोपी जल्द ही गिरफ्त में होगा। इस घटना ने एक बार फिर अंधविश्वास की भयावह सच्चाई को उजागर किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग छोटी-मोटी बीमारी को डॉक्टर के बजाय ओझा-तांत्रिक के पास ले जाते हैं, जिसका फायदा ऐसे हैवान उठाते हैं। परिजनों ने अपील की है कि लोग ऐसी घटनाओं से सबक लें और बच्चों को तांत्रिकों के पास न भेजें। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।