अयोध्या में धर्मध्वजा का भव्य आगमन: PM मोदी करेंगे 191 फीट शिखर पर ध्वजारोहण, शंकराचार्य की आपत्ति से समारोह में नई बहस तेज हुई
अयोध्या में धर्मध्वजा का भव्य आगमन: PM मोदी करेंगे 191 फीट शिखर पर ध्वजारोहण, शंकराचार्य की आपत्ति से समारोह में नई बहस तेज हुई
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के शिखर के लिए तैयार की गई दिव्य धर्मध्वजा अब जन्मभूमि पहुंच चुकी है। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार 191 फीट ऊँचे शिखर पर इसे फहराने जा रहे हैं, जिसके लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं। इस ऐतिहासिक क्षण पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं, लेकिन समारोह में शंकराचार्यों को आमंत्रित न किए जाने से विवाद भी खड़ा हो गया है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस ध्वजारोहण कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहीं भी ‘ध्वजारोहण’ जैसा उल्लेख नहीं मिलता, बल्कि मंदिर के शिखर की विधिवत प्रतिष्ठा अनिवार्य होती है। उनका कहना था कि जब शास्त्रीय परंपरा के अनुसार कोई आयोजन नहीं दिखता, तो उसमें भागीदारी का कोई अर्थ नहीं है।
उन्होंने वाराणसी में कहा कि जगन्नाथ मंदिर और द्वारका में ध्वज बदलने की परंपरा है, पर ऐसा कभी नहीं देखा गया कि जमीन से ऊपर चढ़ाकर ध्वजा फहराई जाए। वे इस बात पर भी अडिग रहे कि शिखर की प्रतिष्ठा के बिना ध्वजा बदलना या स्थापित करना पूर्ण नहीं माना जाता। इसके विपरीत, ट्रस्ट ने उन 100 प्रमुख दानदाताओं को कार्यक्रम में आमंत्रित किया है जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में 2 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान दिया है। इसके साथ ही लखनऊ, अयोध्या और आसपास के 25 जिलों के किसानों और लोगों को भी विशेष रूप से शामिल करने की तैयारी की गई है। इस चयन से समारोह को और भी सामाजिक रूप से व्यापक और भव्य बनाने का प्रयास दिखाई देता है। धर्मध्वजा स्वयं भी अद्भुत शिल्पकला का नमूना है। गुजरात में 6 कारीगरों ने इसे 25 दिनों की लंबी मेहनत से तैयार किया है। 11 फीट चौड़े और 22 फीट लंबे इस त्रिस्तरीय ध्वज में सूर्योदय की लालिमा जैसा चमकता केसरिया रंग है। इस पर सूर्यदेव, ‘ॐ’ और कोविदार वृक्ष के चिन्हों की छाप इसे और पवित्र बनाती है। विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से तैयार ध्वज में इस्तेमाल की गई मजबूत नायलॉन डोरी शिखर की ऊंचाई को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिसे खींचने में पर्याप्त शक्ति की आवश्यकता होगी।
इसके लिए एक विशेष घूमने वाले चैंबर पर आस्था से निर्मित ध्वजदंड लगाया गया है, जिसमें बॉल बेयरिंग लगे हैं ताकि तेज हवाओं में भी ध्वज सुरक्षित बना रहे। ट्रस्ट ने 25 नवंबर के दिन आम श्रद्धालुओं को अयोध्या न आने की अपील की है, क्योंकि सुरक्षा और आयोजन की व्यवस्था को देखते हुए इस दिन रामलला के दर्शन आम भक्तों के लिए बंद रहेंगे। इसके अलावा 23 नवंबर की रात से भारी वाहनों का प्रवेश भी रोक दिया गया है, जो 26 नवंबर की आधी रात तक जारी रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी का हेलिकॉप्टर साकेत महाविद्यालय में उतरेगा, जहां से वे सड़क मार्ग से मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे। सेना और SPG लगातार सुरक्षा समीक्षाएँ कर रही हैं और 23 नवंबर को हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण भी किया गया, जिसमें राम जन्मभूमि परिसर और आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।