MP के बाद अब UP में भाजपा नेता की बाहों में महिलाएं
MP के बाद अब UP में भाजपा नेता की बाहों में महिलाएं

गोंडा। जनपद के एक प्रतिष्ठित भजपा नेता और एक महिला कार्यकत्री की प्रेम कहानी आज बनकर सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है।
आओ जाने हकीकत --
अप्रैल की एक गर्म दोपहर थी। राजनीति की भागदौड़, मीटिंग्स की आपाधापी के बीच अमर किशोर कश्यप, जो जिले के भाजपा कार्यालय के मुखिया थे, अपने रोज़मर्रा के काम में व्यस्त थे। तभी उन्हें एक फोन कॉल आया — आवाज़ थोड़ी घबराई हुई थी। "सर... तबियत ठीक नहीं लग रही... कुछ देर आपके ऑफिस में बैठ सकती हूं क्या?" ये थी स्नेहा, एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता, जिसने हाल ही में संगठन के साथ जुड़ाव बनाया था। अमर को स्नेहा की मेहनत और ईमानदारी पसंद थी। वह बोले, "तुम ऑफिस आ जाओ, ऊपर रेस्ट रूम खाली है।
आराम कर लो।" कुछ देर बाद स्नेहा ऑफिस पहुंची। चेहरा पीला, आंखों में हलकी थकावट। अमर ने देखा तो फौरन पास आ गए। "चलो, ऊपर ले चलता हूं। वहीं थोड़ा आराम कर लेना।" जैसे ही दोनों सीढ़ियां चढ़ रहे थे, स्नेहा को अचानक चक्कर आया। वह लड़खड़ा गई। अमर ने तुरंत उसे थाम लिया। एक पल को वह उसके सीने से लग गई — न कोई सोच, न कोई स्वार्थ — बस इंसानियत और एक दोस्ती का स्पर्श। किसी तीसरे की नजर में यह पल कुछ और था। सीसीटीवी ने उसे कैद कर लिया। और अगले ही दिन, वह पल एक *कहानी* बन गया — एक ऐसी कहानी जो सियासत और नैतिकता के तराजू पर तोली जाने लगी। लेकिन सच ये था: उस दिन सीढ़ियों पर सिर्फ एक इंसान ने दूसरे इंसान को सहारा दिया था। अब समय ही गवाह बनेगा — कि क्या यह एक बेगुनाही की कहानी थी, या एक अधूरी प्रेम कहानी जो कभी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई।