Gaziyabad News : थाने पहुंचा युवक, कहा- 31 साल पहले हुआ था अपहरण, बोला मां-बाप को ढूंढ़ दो
Gaziyabad News : थाने पहुंचा युवक, कहा- 31 साल पहले हुआ था अपहरण, बोला मां-बाप को ढूंढ़ दो
 
                                उत्तर प्रदेश । गाजियाबाद कमिश्नरेट और नोएडा से जुड़े खोड़ा थाने में पुलिस कर्मी सामान्य रूप से काम कर रहे थे. फरियादी अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे, कुछ बाहर धूप में बैठे रहे थे तो कुछ अंदर जा रहे थे। वहीं इंस्पेक्टर से लेकर एसएसआई शिकायतों के समाधान में लगे थे. तभी आर्मी की जैकेट पहने एक युवक अंदर आया।
पुलिस कर्मियों ने कारण पूछा तो बताया कि 31 पहले उसका अपहरण हुआ था, उसके मां-बाप को ढूंढ़ दो. यह सुनकर कर्मियों के कान खड़े हो गए, सारा काम रोकर उसे बैठाया और पूरी कहानी सुनी. फिर पुलिस ने ऐसी तरकीब निकाली, जिससे उसका परिवार मिल गया. गाजियाबाद कमिश्नरेट के सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश उपाध्याय ने बताया खोड़ा थाने में एक युवक पहुंचा और उसने अपना नाम राजू बताया और कहा कि दिल्ली-नोएडा के आसपास किसी जगह का रहने वाला है. 31 साल पहले उसका अपहरण हुआ था। उस समय उकी उम्र केवल नौ साल थी. उसकी चार बहन हैं और अकेला भाई है. एक दिन बड़ी बहन के साथ स्कूल से लौट रहा था. किसी बात को लेकर बहन से झगड़ा हो गया, वो आगे आगे चलने लगा और पास में खड़े एक टेंपो में बैठ गया. उसमें कुछ लोग बैठे थे, बातचीत की, उसने झगड़े की बात बताई।
इसके बाद वे कुछ दूर तक टेंपो से ले गए. इसके बाद ट्रक से राजस्थान के किसी शहर में ले गए. बाद उसे पता चला कि जहां पर रखा गया है, वो जैसलमेर जिले में आता है। वहां उससे दिनभर भेड़ बकरियां चराने का काम कराया जाता था और रात में बांध दिया जाता है. इस तरह उसके 31 साल गुजर रहे. उसके साथ इसी के और भी कई बच्चे थे. पूछताछ में उसने बातया कि गांव इतने बीहड़ में था, जहां से रोड तक जाने में दो दिन लगते थे. इस वजह से वो कभी भागने की हिम्मत नहीं करा पाया। राजू ने बताया कि हाल फिलहाल में एक सरदार जी भेड़ बकरी खरीदने आए थे. राजू की बढ़ी दाढ़ी बाल और नाखून देखकर तरस आ गया. उन्होंने राजू के परिवार के संबंध में पूछ तो उसने बताया कि दिल्ली नोएडा के करीब है।
वो किसी तरह उसको दिल्ली लेकर आए. यहां पर बाल दाढ़ी कटवाई. कपड़े खरीदवाए और कुछ रुपये दे दिए. उसे यहीं छोड़ वापस चले गए। उसे दिल्ली-नोएडा का नाम याद था, स्कूल जानें में मंदिर पड़ता था. लेकिन 31 साल में पूरा बदल गया. पहले जंगल होता था, लेकिन अब बदल गया है, इसलिए पहचान नहीं पा रहा था. नोएडा के पास खोड़ा था पड़ता है इसलिए लोगों ने उसे सलाह दी कि खोड़ा थाने में संपर्क करे. यहां पर पहुंचकर उसने आपबीती बताई. उसकी कहानी सुनकर पुलिसकर्मी तरस आया और उन्होंने अपने तरीके से पता लगाना शुरू किया. साथ ही मीडिया और सोशल मीडिया में भी खबरें चलवाईं। खबर पढ़ते ही वो सभी लोग थाने पहुंचने लगे, जिनके बच्चों का अपहरण या गायब 1993 में हुए थे।
राजू को भी स्वयं कुछ भी याद नहीं था. इसी बीच साहिबाबाद थाने के शहीदनगर में रहने वाले तुलाराम पत्नी के साथ पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनका बेटा भी 1993 में स्कूल से लौटते समय गायब हो गया था। पुलिस साहिबाबाद थाने के रिकार्ड खंगलाए तो तुलाराम की ओर से मामला दर्ज है। इसके बाद शरीर में कुछ निशान बताए, जो राजू के शरीर में मिले. तुलाराम के घर से स्कूल जाने में रास्ते में मंदिर पड़ता है. इस तरह तय हुआ कि वो तुलाराम का बेटा है. जिसका असली नाम भीम सिंह है. राजू नाम जैसलमेर में रखा गया था. पुलिस ने कागजी कार्रवाई करके परिजनों को सौंप दिया है। इस तरह के देश भर में साल दर साल हो रहे है बच्चों का अपहरण करके इसी तरह के अंजाम दे रहे है। आज भी गेट बंद कारखानों में मां बाप से बिछुड़े बच्चे बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 







 
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                                                                                                                                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            