Aligarh News : पराली जलाने से मिट्टी बंजर होती है, किसानों पर होगी सख्त कार्रवाई -डीएम

Oct 3, 2025 - 20:05
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Aligarh News : पराली जलाने से मिट्टी बंजर होती है, किसानों पर होगी सख्त कार्रवाई -डीएम

पराली जलाने से मिट्टी बंजर होती है, किसानों पर होगी सख्त कार्रवाई -डीएम

अलीगढ़ । जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलैक्ट्रेट सभागार में पराली प्रबंधन के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि मिट्टी अनंत जीवों की आत्मा होती है, लेकिन कुछ किसान अज्ञानतावश पराली जला देते हैं, जिससे मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, मित्र कीट मर जाते हैं और धीरे-धीरे खेत बंजर होने लगते हैं। डीएम ने कहा कि अधिक उत्पादन की चाह में किसान अंधाधुंध डीएपी का प्रयोग करते हैं, जिससे लागत तो बढ़ जाती है, लेकिन उसके अनुरूप उत्पादन नहीं मिलता। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली न जलाएं, क्योंकि सरकार पराली प्रबंधन के लिए तकनीकी सुविधाएं, बायोडिकम्पोजर एवं जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। पराली जलाने की घटनाओं को सैटेलाइट से चिन्हित किया जा रहा है और दोषी किसानों पर अर्थदंड अधिरोपित करने का प्रावधान भी लागू है।

 उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि हार्वेस्टर मशीन बिना एसएमएस लगाए संचालित न की जाए, अनीता की दशा में अर्थ दंड के साथ ही जब्तीकारण की भी कार्रवाई की जाएगी। डीएम संजीव रंजन ने गभाना क्षेत्र में चार और खैर क्षेत्र की पांच पराली जलाए जाने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए संबंधित तहसीलदार पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने सभी उपजिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्रीय लेखपालों की जिम्मेदारी तय करें ताकि किसी भी दशा में पराली जलाने की घटनाएं न हों। बैठक में उपनिदेशक कृषि अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में 1,92,279 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती होती है। पराली जलाने की प्रमुख घटनाएं गभाना और खैर तहसीलों में सामने आती रही हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए होर्डिंग, पंपलेट, वाल पेंटिंग, यंत्र प्रदर्शन और गोष्ठियों का सहारा लिया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि फसल अवशेष जलाने के बजाय सड़ाकर मिट्टी में मिलाना चाहिए, जिससे प्राकृतिक खाद बनेगी, फसल की पैदावार बढ़ेगी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

कृषि वैज्ञानिक अनंत कुमार ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और उसके प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दो एकड़ तक पराली जलाने पर 5 हजार, दो से पांच एकड़ पर 10 हजार और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में पराली जलाने पर 30 हजार रुपये तक अर्थदंड का प्रावधान है।