बोले आमिर खान, कहा- 'मेरी बहनों ने हिंदू से शादी की है

बालीवुड के 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' आमिर खान हाल ही में देश के सबसे लोकप्रिय टीवी शो 'आप की अदालत' में नजर आए। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सामने आमिर ने न केवल अपने फिल्मी सफर की अनकही कहानियां साझा कीं, बल्कि अपनी निजी जिंदगी से जुड़े विवादों पर भी खुलकर बात की। इस शो में आमिर ने लव जिहाद जैसे गंभीर आरोपों का जवाब देकर न सिर्फ ट्रोल्स को करारा जवाब दिया, बल्कि प्यार और इंसानियत का एक नया पैगाम भी दिया।
लगभग एक दशक पहले, 19 दिसंबर 2014 को रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'पीके' ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। इस फिल्म में एक पाकिस्तानी मुस्लिम युवक और एक भारतीय हिंदू लड़की की प्रेम कहानी को दिखाया गया था, जिसे लेकर उस समय जमकर विवाद हुआ। कुछ लोगों ने आमिर पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। 'आप की अदालत' में रजत शर्मा ने जब इस मुद्दे को उठाया, तो आमिर ने बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा, "प्यार किसी धर्म या मजहब की सीमाओं में नहीं बंधता। यह इंसानियत की सबसे खूबसूरत अभिव्यक्ति है। रजत शर्मा ने जब पूछा, "ट्रोल्स कहते हैं कि आप लव जिहाद को बढ़ावा दे रहे हैं, खासकर 'पीके' में हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की शादी को सही ठहराकर?" तो आमिर ने हंसते हुए कहा, "अरे बाप रे!" फिर गंभीर होते हुए उन्होंने अपनी निजी जिंदगी का उदाहरण दिया। आमिर ने बताया, "मेरी बहन निखत ने हिंदू संतोष हेगड़े से शादी की। मेरी छोटी बहन फरहत ने हिंदू राजीव दत्ता को अपना जीवनसाथी चुना। मेरी बेटी आयरा ने हाल ही में नुपुर शिखरे से शादी की।
क्या आप इसे लव जिहाद कहेंगे? प्यार तो बस प्यार है, यह धर्म से परे है।" उनके इस जवाब ने न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वाहवाही बटोरी। आमिर ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, "जब दो लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं, तो वे धर्म या जाति नहीं देखते। यह इंसानियत का सबसे खूबसूरत रूप है। लव जिहाद जैसे शब्द सिर्फ लोगों को बांटने का काम करते हैं।" आमिर का यह बयान उन सभी के लिए एक जवाब था जो प्यार को धर्म की कसौटी पर तौलते हैं। उन्होंने साफ किया कि प्यार धरती की सबसे बड़ी ताकत है, जो हर बंधन को तोड़ देता है। आमिर खान ने इस शो में न सिर्फ अपने विचारों से लोगों को प्रभावित किया, बल्कि अपनी निजी जिंदगी के उदाहरणों से भी एक नई सोच दी। उनके परिवार में अंतर-धर्म विवाह के उदाहरण न केवल उनकी उदारता को दर्शाते हैं, बल्कि समाज को यह संदेश भी देते हैं कि प्यार और रिश्तों में धर्म की कोई दीवार नहीं होनी चाहिए।