नेपाल Gen-Z आंदोलन में हिंसा पर आयोग सख्त, पूर्व पीएम ओली के पासपोर्ट जब्त

Sep 29, 2025 - 08:19
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नेपाल Gen-Z आंदोलन में हिंसा पर आयोग सख्त, पूर्व पीएम ओली के पासपोर्ट जब्त

नेपाल में जेन-जी आंदोलन के दौरान हुई फायरिंग की जांच कर रही न्यायिक आयोग ने सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित पांच शीर्ष अधिकारियों को काठमांडू से बाहर जाने से प्रतिबंधित कर दिया है। पूर्व न्यायाधीश गौरी बहादुर कार्की के नेतृत्व वाली इस आयोग ने ओली और पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक समेत इन पांच व्यक्तियों के पासपोर्ट स्थगित करने का आदेश जारी किया है। उच्च स्तरीय समिति ने हिंसा के दोषी इन नेताओं को विदेश यात्रा की अनुमति न देने की सिफारिश की थी।

आयोग के निर्णय में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 8 और 9 सितंबर की घटनाओं की जांच एवं पूछताछ के दौरान ये सभी व्यक्ति जांच के दायरे में हैं, इसलिए उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगाना अनिवार्य है। इन्हें कभी भी आयोग के समक्ष हाजिर होना पड़ सकता है, इसलिए संबंधित विभागों को पत्र भेजकर काठमांडू घाटी छोड़ने पर पाबंदी के निर्देश दिए गए हैं। यात्रा प्रतिबंध की सूची में पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक, गृह सचिव गोकर्ण मणि दुवाडी, राष्ट्रीय जांच विभाग के पूर्व प्रमुख हुतराज थापा और काठमांडू के पूर्व मुख्य जिला अधिकारी छवि राज रिजाल शामिल हैं। दरअसल, जांच समिति ने कैबिनेट को इन नामों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था, जिसे रविवार शाम सिंह दरबार में हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकृति मिल गई। यह कदम 8-9 सितंबर की घटनाओं की जारी जांच से जुड़ा है। सरकार को इनकी विदेश यात्रा रोकने और आवश्यकता पर आयोग के सामने पेशी सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।

जेन-जी विरोधी प्रदर्शनों में कथित अत्यधिक बल प्रयोग से 74 लोगों की मौत हुई थी, और इन अधिकारियों पर यही आरोप है। आयोग का यह फैसला उस दिन आया जब शनिवार को केपी ओली ने अपने और अन्य अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त करने की अफवाहों पर नाराजगी जताई थी। एक पार्टी कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि अब सरकार मेरे विशेषाधिकार छीनने, पासपोर्ट रोकने और मेरे खिलाफ मुकदमा चलाने की योजना बना रही है। वे देश को असुरक्षा की ओर ले जा रहे हैं। क्या उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी नहीं निभानी चाहिए?