समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश@2047" अभियान के अंतर्गत अवागढ़ में संवाद कार्यक्रम आयोजित

Sep 9, 2025 - 21:21
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समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश@2047" अभियान के अंतर्गत अवागढ़ में संवाद कार्यक्रम आयोजित

समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश@2047" अभियान के अंतर्गत अवागढ़ में संवाद कार्यक्रम आयोजित

एटा। "समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश@2047" अभियान के तहत प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र, अवागढ़ में कृषक समूहों, पशुपालकों, डेयरी संचालकों, कृत्रिम गर्भाधान एवं पशुचारा इकाइयों, सहकारिता एजेंसियों, फूड प्रोसेसिंग इकाइयों, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) तथा कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित प्रबुद्धजनों द्वारा फीता काटकर किया गया, तत्पश्चात कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित राजा बलवंत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संवाद के दौरान कृषि और पशुपालन क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

मारहरा क्षेत्र के कृषक दौलत राम ने मटर की मंडी की स्थापना की आवश्यकता जताई तथा निराश्रित गौवंश एवं बंदरों से फसलों को होने वाले नुकसान की समस्या उठाई। अवागढ़ ब्लॉक के कृषक राजपाल सिंह ने वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए उन्नत बीजों एवं मृदा परीक्षण आधारित उर्वरकों की उपलब्धता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने किसानों को सीमित मात्रा में कीटनाशक के उपयोग, जैविक खेती को बढ़ावा देने और श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादन को बढ़ाने की सलाह दी। बासमती चावल की गुणवत्ता एवं उत्पादन में सुधार लाकर वैश्विक मांग को ध्यान में रखने पर भी जोर दिया गया। किसानों द्वारा गेहूं, धान एवं अन्य फसलों के उचित मूल्य, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और आधुनिक कृषि तकनीकों की गाँव-गाँव पहुँच की मांग की गई। पशुपालकों और डेयरी संचालकों ने पशु स्वास्थ्य सेवाओं, चारे की उपलब्धता और विपणन की सुलभता को लेकर सुझाव प्रस्तुत किए। एफपीओ और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों ने मूल्य संवर्धन, भंडारण और बाजार से जुड़ाव की जरूरत बताई।

कृषि वैज्ञानिकों ने टिकाऊ कृषि, जल प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में कार्य करने पर बल दिया। इस अवसर पर लाभार्थियों को मृदा स्वास्थ्य परीक्षण आदि से संबंधित प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा प्रतिभागियों से अपील की गई कि वे इस अभियान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं और अपने सुझाव *samarthuttarpradesh.up.gov.in* पोर्टल पर 05 अक्टूबर तक अवश्य दर्ज करें। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. नागेंद्र नारायण मिश्र, उप निदेशक कृषि सुमित कुमार, जिला कृषि अधिकारी डॉ. मनवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. इंद्रजीत प्रजापति, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रदीप कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय पाल सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे।