सिविल एयरपोर्ट फेस टू के लिए पर्यावरण मंज़ूरी प्रक्रिया शुरू, छह सदस्यीय समिति गठित

Sep 6, 2025 - 21:45
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सिविल एयरपोर्ट फेस टू के लिए पर्यावरण मंज़ूरी प्रक्रिया शुरू, छह सदस्यीय समिति गठित

सिविल एयरपोर्ट फेस टू के लिए पर्यावरण मंज़ूरी प्रक्रिया शुरू, छह सदस्यीय समिति गठित

आगरा सिविल एयरपोर्ट परियोजना के दूसरे चरण को पर्यावरणीय मंज़ूरी दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ताज ट्रिपेजियम ज़ोन (टीटीजेड) प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें अपर जिलाधिकारी (भू-अर्जन), प्रभागीय निदेशक (सामाजिक वानिकी प्रभाग), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रभारी अधिकारी, नगर नियोजक/नोडल अधिकारी, टीटीजेड क्षेत्रीय अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। यह समिति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ताज ट्रिपेजियम ज़ोन क्षेत्र से संबंधित पारित आदेशों के आलोक में परियोजना के विभिन्न पर्यावरणीय पहलुओं की जांच करेगी।

वृक्षों के पातन तथा उनके प्रत्यारोपण स्थल सहित अन्य पर्यावरणीय बिंदुओं पर विस्तृत परीक्षण किया जाएगा। सभी संबंधित विभागों से प्राप्त अनापत्तियों का विश्लेषण करते हुए समिति दो सप्ताह के भीतर अपनी स्पष्ट संस्तुति टीटीजेड प्राधिकरण को सौंपेगी। आगरा मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह द्वारा गठित इस समिति में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के उप महाप्रबंधक (इंजीनियरिंग-सिविल) को समन्वयक नियुक्त किया गया है। फेस टू के अंतर्गत एयरपोर्ट के 45 मीटर चौड़े रनवे का 800 मीटर विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा पहले चरण के टैक्सी ट्रैक का 950 मीटर विस्तार, रनवे से जोड़ने वाले अतिरिक्त टैक्सी ट्रैक का निर्माण और नौ विमानों के खड़े होने की क्षमता वाला विस्तारित एप्रन बनाया जाएगा। यह सभी कार्य विमान संचालन और सुरक्षा से सीधे जुड़े हुए हैं। परियोजना के अंतर्गत रनवे का उपयोग वायुसेना के फनल एरिया में ही रहेगा, जिसमें उच्च स्तरीय इमारतों सहित अन्य निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध है। आगरा मास्टर प्लान 2031 में इस फनल एरिया की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही नियम तय किए जा चुके हैं। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा द्वारा भी इस संबंध में पहले आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं। न्यू सिविल एन्क्लेव के नाम से विकसित हो रही यह परियोजना दो चरणों में विभाजित है। पहले चरण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया गया था।

दूसरे चरण के लिए राज्य सरकार ने दिसंबर 2023 में आगरा की सदर तहसील स्थित धनौली, बल्हेरा और अभयपुरा गांवों की ज़मीन परियोजना के लिए उपलब्ध कराई। यह ज़मीन भारतीय वायुसेना के एयरबेस की सीमा से सटी हुई है और सुरक्षा दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील मानी जाती है। वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए टीटीजेड प्राधिकरण द्वारा आगरा में छह केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें संजय प्लेस, शाहजहां गार्डन, रोहता, सेक्टर 3बी, मनोहरपुर और आगरा कंस (निरंतर मॉनिटरिंग केंद्र) शामिल हैं। सैन्य क्षेत्र के भीतर स्वतंत्र निगरानी प्रतिबंधित है, और वहां से प्राप्त पर्यावरणीय आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाता। ऐसे में, संजय प्लेस स्थित स्वचालित एयर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग सेंटर का डेटा ही परियोजना की पर्यावरणीय समीक्षा के लिए प्रमुख आधार होगा। यही केंद्र पहले चरण के लिए भी मानक था और फेस टू के लिए भी यही डेटा अनुमोदन के लिए उपयोग में लाया जाएगा। इस केंद्र से पीएम 2.5, पीएम 10 और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की वास्तविक समय पर निगरानी की जाती है, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्टिंग में शामिल किया जाता है। अब समिति की रिपोर्ट और टीटीजेड प्राधिकरण की स्वीकृति के बाद ही परियोजना का अगला चरण शुरू हो सकेगा, जो कि आगरा के विमानन बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाई देने की दिशा में निर्णायक कदम होगा।