नेशनल हैंडलूम डे पर गोवा में कांति नेगी को किया गया सम्मानित, हैंडनीट इंडिया के डिज़ाइनों ने बटोरी सराहना

Aug 13, 2025 - 21:56
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नेशनल हैंडलूम डे पर गोवा में कांति नेगी को किया गया सम्मानित, हैंडनीट इंडिया के डिज़ाइनों ने बटोरी सराहना

नेशनल हैंडलूम डे पर गोवा में कांति नेगी को किया गया सम्मानित, हैंडनीट इंडिया के डिज़ाइनों ने बटोरी सराहना

गोवा, 7 अगस्त 2025:** गोवा में आयोजित **"नेशनल हैंडलूम डे"** के अवसर पर, उत्तर भारत की महिलाओं द्वारा बुने गए परिधानों को राष्ट्रीय स्तर पर मंच मिला। इस अवसर पर **हैंडनीट इंडिया** की डिज़ाइनर **सुश्री कांति नेगी** को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सुश्री नेगी द्वारा डिज़ाइन किए गए हाथ के बुने परिधानों का प्रदर्शन इस आयोजन के फैशन शो में हुआ, जहाँ देशभर से आए लगभग 50 फैशन डिज़ाइनर्स ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का उद्देश्य भारत के पारंपरिक हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करना और उसे फैशन के मुख्यधारा से जोड़ना था।

 **हैंडनीट इंडिया** उत्तर भारत की लगभग **1500 महिलाओं** को रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बना रहा है। ये महिलाएं हाथ से बुने हुए परिधानों का निर्माण करती हैं। संगठन न सिर्फ इन्हें प्रशिक्षण देता है, बल्कि कच्चा माल और विपणन की पूरी व्यवस्था भी करता है। हैंडनीट इंडिया ने देश का पहला रिटेल आउटलेट **आगरा के ताज व्यू होटल** में खोला है, जहाँ देशी और विदेशी पर्यटकों को हाथ से बने परिधान आकर्षित कर रहे हैं। इस आउटलेट की जिम्मेदारी स्वयं **सुश्री कांति नेगी** संभाल रही हैं। संगठन की योजना है कि अन्य शहरों में भी ऐसे आउटलेट खोले जाएं और आगरा में ही और महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें इस अभियान से जोड़ा जाए।

इस समारोह में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय डिज़ाइनर **रीना ढाका** और **रुमा देवी** ने सुश्री कांति नेगी को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। दोनों डिज़ाइनर हाथ के बने परिधानों की खूबसूरती और आधुनिकता से बेहद प्रभावित हुईं। रीना ढाका फैशन की दुनिया का एक प्रतिष्ठित नाम हैं, जबकि रुमा देवी ने पारंपरिक राजस्थानी पहनावे को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया है। यह फैशन शो **वर्ल्ड डिज़ाइन फोरम** द्वारा 6 और 7 अगस्त को गोवा में आयोजित किया गया था, जो देश के हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह आयोजन न सिर्फ कांति नेगी के लिए बल्कि पूरे आगरा और उत्तर भारत की महिलाओं के लिए गर्व का विषय है।