Aaj Ka Mausam : उत्तर प्रदेश के इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, गंगा - यमुना में भारी उफान
उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वांचल और अवध के कई जिलों में भारी से बहुत भारी होने की चेतावनी देते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है।
यह जिले हैं-कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, बरेली, पीलीभीत। इसके अलावा देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, हाथरस, कासगंज, एटा, मैनपुरी, औरय्या, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, शाहजहांपुर,जालौन, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाकों में भारी होने का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार 15 जुलाई के बाद राज्य में बारिश का सिलसिला मद्धिम होने लगेगा। फिलहाल मानसून की ट्रफ लाइन जैसलमेर, दिल्ली, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बालुरघाट से होकर पूर्वोत्तर की ओर होते हुए अरुणाचल प्रदेश पर केन्द्रित है। मानसून पश्चिमी यूपी में सक्रिय है और पूर्वी अंचल में यह सामान्य है। इस बीच बागपत से मिली जानकारी के अनुसार, वहां यमुना के तेज बहाव में सुभानपुर गांव के पास अलीपुर बांध टूट गया है और इस वजह से वहां की जिला जेल की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है।
वर्ष 1972 में बना यह बांध काठा से दिल्ली तक कच्चा था। गोरखपुर-बस्ती मंडल में गुरुवार को बारिश के दौरान बिजली गिरने से महिला और किशोर समेत पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो सिद्धार्थनगर के जबकि बस्ती, संतकबीरनगर और गोरखपुर के एक-एक व्यक्ति हैं। जलशक्ति विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार गंगा नदी बदायूं में कचलाब्रिज और यमुना नदी मुजफ्फरनगर के मावी में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बदायूं में गंगा के जलस्तर में और बढ़ोत्तरी की आशंका जतायी गयी है।
बुलंदशहर के नरौरा में गंगा, लखीमपुर खीरी के पलियाकलां और शारदा नगर में शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। फतेहगढ़ में भी गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में सबसे अधिक 21 सेंटीमीटर बारिश संभल में दर्ज की गई। इसके अलावा बिजनौर में 15, सहारनपुर में 13, मुजफ्फरनगर के जानसठ में 13, उन्नाव के सफीपुर में 12, मेरठ में 11, बिजनौर के चांदपुर में 11, अमरोहा के नौगंवा सादात में 10, कासगंज के सहाबर में नौ, उन्नाव के हसनगंज में नौ, बिजनौर में नौ, लखनऊ के मलिहाबाद में सात, अयोध्या में छह, बस्ती के भानपुर में छह, अलीगढ़ के अतरौली में छह, बुलंदशहर के नरौरा में छह, मेरठ में पांच सेंटीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी।
गंगा-यमुना दोनों उफान पर, तटबंध टूटने से कई गांव जलमग्न मेरठ। भले ही गुरुवार को बारिश हल्की रही, लेकिन गंगा और यमुना समेत अधिकत नदियां अभी पूरे उफान पर चल रही है। बागपत में तो यमुना के तेज बहाव में अलीपुर बांध टूट गया। इससे हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गईं। साथ ही सुभानपुर गांव में भी पानी घुसने से बाढ़ की स्थिति बन गई। बिजनौर में गंगा बैराज पर गंगा खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही है। गंगा में फिलहाल एक लाख 93 हजार क्यसेक पानी चल रहा है। हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र की स्थिति और खराब होने की आशंका बनी है।
सिरजेपुर के पास टूटे तटबंध के चलते सिरजेपुर, हादीपुर गांवडी, किशनपुर व लतीफपुर गांव जलमग्न हैं। भीकुंड मोड़ के पास हस्तिनापुर-रामराज मार्ग पर भी कई फीट खड़ा पानी बह रहा है। वहीं मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र में फतेहपुर प्रेम के समीप भी तटबंध टूटने से अब पूरे खादर में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका बनी है। बिजनौर में चंदक के गांव राम सहायवाला में पानी आने पर फंसे तीन ग्रामीणों को एनडीआरएफ टीम ने बचाया। गुरुवार नजीबाबाद में कोटावाली में कांवड़ियों की ट्रैक्टर टॉली रपटे पर बह गई थी, पुलिस ने रेस्क्यू कर कांवड़ियों को बचाया।
मुजफ्फरनगर गंगा में भीमगोडा बैराज से एक लाख 35 हजार 524 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से मुजफ्फरनगर में बाढ़ जैसे हालात बने हैं। वहीं पुरकाजी में सोलानी नदी में खतरे के निशान से ऊपर पानी चल रहा है। रास्तों पर जलभराव से उत्तराखंड से सम्पर्क टूट गया है। बुलंदशहर में नरौरा गंगा बैराज पर डाउनस्ट्रीम में गंगा का जलस्तर एक लाख 45 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड के बहाव से ज्यादा रीडिंग है। वहीं हापुड़ में गंगा में खतरे के निशान से 15 सेमी नीचे पानी बह रहा है। साथ ही बूढ़ी गंगा का अस्थाई बांध टूटने की आशंका बनी है। कांवड़ मेले के दौरान बाढ़ की लहरों के बीच 11 श्रद्धालुओं को ले जा रही नाव गहरे जल में पलट गई। बामुश्किल उन्हें बचाया गया। सहारनपुर में गुरुवार को हथिनीकुंड बैराज से शाम चार बजे तक 88 हजार तीन सौ क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। शामली में हालांकि यमुना में गुरुवार को जलस्तर में 55 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि अभी भी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर 231.70 मीटर पर जलस्तर है।