विवाह पंचमी के मौके पर इस विधि से करें भगवान राम और सीता की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना
विवाह पंचमी के मौके पर इस विधि से करें भगवान राम और सीता की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना
विवाह पंचमी भगवान राम और सीता के विवाह के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन कुछ खास उपायों का पालन करके आप भगवान राम और सीता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यहां कुछ सामान्य उपाय दिए गए हैं जो इस अवसर पर किए जा सकते हैं। इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा करें और उन्हें समर्पित उपवास और पूजा करके आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। भगवान राम की कथा सुनना या पढ़ना भी एक अच्छा उपाय है। इससे आपका मन शुद्ध और धार्मिक भावनाओं से भरा रहेगा।
पंडित जयचंद त्रिपाठी ने टीवी9 हिंदी डिजिटल से बातचीत में बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार. त्रेता युग में भगवान राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। इसलिए हर साल इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि जो भक्त इस शुभ दिन पर भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाता है, उसके जीवन में सुखी और समृद्ध रहता है और उसे किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है.
विवाह पंचमी पर इस विधि से करें पूजा
विवाह पंचमी के मौके पर सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं. इसके बाद पूजा के स्थान पर एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर श्री राम और सीता की मूर्ति स्थापित करें. भगवान गणेश के मंत्रों के साथ विवाह की रस्में शुरू करें. इस दौरान हनुमान जी की पूजा और आह्वान जरूर करें। इसके बाद माता सीता को लाल रंग के वस्त्र और भगवान श्रीराम को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। अब राम और सीता को माला पहनाकर उनसे गठबंधन करें। पूजा के दौरान राम-सीता जी को फल और मिठाई आदि का भोग लगाएं। अंत में आरती करें और विवाह संपन्न होने के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटें।
इस मंत्र का करें जाप
विवाह की बातचीत में होने वाले तंत्रों को पूरा करने के लिए प्रयास करें. अगर आप विवाहित हैं, तो इस दिन अपने पार्टनर के साथ और भी अच्छा संबंध बनाएं और किसी प्रकार का कोई झगड़ा न करें.
भगवान राम के मंत्र जाप करना भी एक शक्तिशाली उपाय हो सकता है. “ॐ श्री रामाय नमः” या अन्य राम मंत्रों का जाप करें.
धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं।
आप भगवान राम और सीता के मंदिरों में जाकर उनकी पूजा कर सकते हैं। इससे आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि हो सकती है। ध्यान रहे कि ये उपाय धार्मिक भावनाओं और नीतिशास्त्र को समर्पित होकर ईमानदारी और भक्ति भाव से करने चाहिए। इसके अलावा विवाह पंचमी के दिन दान करने का महत्व है। गरीबों को भोजन कराकर, वस्त्र दान करके और अन्य धार्मिक दान करके पुण्य कमाया जा सकता है।