Anant Chaturdashi 2023: जान लें गणपति विसर्जन का मुहूर्त और पूजन विधि

Anant Chaturdashi 2023: जान लें गणपति विसर्जन का मुहूर्त और पूजन विधि

Sep 28, 2023 - 09:17
Sep 28, 2023 - 09:53
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Anant Chaturdashi 2023: जान लें गणपति विसर्जन का मुहूर्त और पूजन विधि
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Anant Chaturdashi 2023: इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को मनाई जाएगी. अनंत चतुर्दशी का त्योहार भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसमें व्रत का संकल्प लेकर अनंत धागा बांधा जाता है। मान्यता है कि इसे धारण करने से संकटों का नाश होता है। इस दिन, भगवान विष्णु के भक्त दिन भर का उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान एक पवित्र धागा बांधते हैं। इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन भी किया जाता है।

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2023 shubh muhurat)

उदया तिथि के अनुसार 28 सितंबर यानी आज अनंत चतुर्दशी मनाई जा रही है. चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर यानी कल रात 10 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन आज 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा. अनंत चतुर्दशी का पूजा मुहूर्त सुबह 6.12 बजे से शाम 6.49 बजे तक रहेगा।

अनंत चतुर्दशी 2023 पर गणपति विसर्जन मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। 28 सितंबर 2023 को गणपति विसर्जन के लिए तीन मुहूर्त हैं। गणेश चतुर्थी का मुहूर्त आज सुबह 06.11 बजे से 07.40 बजे तक रहेगा, इसके बाद सुबह 10.42 बजे से दोपहर 03.10 बजे तक और शाम 04.41 बजे से रात 09.10 बजे तक गणपति विसर्जन होगा।

अनंत चतुर्दशी पूजन विधि (Anant Chaturdashi Pujan Vidhi)

इस दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ करें और उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करें. फिर पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. भगवान विष्णु को अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, इत्र, चंदन आदि चीजें अर्पित करें. इस दिन भगवान विष्णु की आरती करें और उनके मंत्रो का जाप जरूर करें. अंत में भगवान विष्णु को अनंत सूत्र अर्पित करें. 

अनंत चतुर्दशी का महत्व (Anant Chaturdashi 2023 importance) 

अनंत चतुर्दशी भगवान नारायण की आराधना का पर्व है। इस दिन भगवान विष्णु ने 14 लोकों यानि तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुव, स्व, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है। जिन लोगों की बीमारियाँ ठीक नहीं हो रही हैं। उन लोगों को यह व्रत रखना चाहिए। इस व्रत को परिवार में कोई भी व्यक्ति रख सकता है। चाहे पत्नी पति के लिए, पति पत्नी के लिए, पुत्र पिता के लिए यह व्रत कर सकता है।

अगर कर्ज की समस्या है तो वे लोग भी अनंत चतुर्दशी का व्रत रख सकते हैं। कुछ ही समय में आप कर्ज मुक्त हो जायेंगे. अगर किसी के घर में क्लेश चल रहा हो तो उन लोगों को अनंत चतुर्दशी के व्रत के बाद भगवान विष्णु को अपने हाथों से जायफल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद इसे जल में या पीपल के पेड़ के नीचे प्रवाहित करने से घर का क्लेश समाप्त हो जाएगा।

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अनंत चतुर्दशी की कथा (Anant Chaturdashi 2023 katha) 

महाभारत की कथा के अनुसार, कौरवों ने जुए में पांडवों को छल से हरा दिया था। इसके बाद पांडवों को अपना राज्य छोड़कर वनवास पर जाना पड़ा। इस दौरान पांडवों को बहुत कष्ट सहना पड़ा। एक दिन भगवान श्री कृष्ण पांडवों से मिलने वन में आये। भगवान श्रीकृष्ण को देखकर युधिष्ठिर ने कहा, हे मधुसूदन, हमें बताएं कि हम इस दुख से कैसे बाहर निकलें और दोबारा राजगद्दी कैसे पाएं। युधिष्ठिर की बातें सुनकर भगवान ने कहा कि तुम सभी अपने भाइयों और पत्नियों सहित भाद्र शुक्ल चतुर्दशी को व्रत करो और अनंत भगवान की पूजा करो। इस पर युधिष्ठिर ने पूछा, "अनादी ईश्वर कौन है?" हमें उनके बारे में बताएं. इसके जवाब में श्रीकृष्ण ने कहा कि वह भगवान विष्णु का रूप हैं. चातुर्मास में भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर अनंत निद्रा में रहते हैं। अनंत भगवान ने वामन अवतार में दो पग में तीनों लोकों को नाप लिया था। वे न तो आदि को जानते हैं और न ही अंत को, इसीलिए उन्हें अनंत भी कहा जाता है। इसलिए इनकी पूजा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। इसके बाद युधिष्ठिर ने अपने परिवार सहित व्रत किया और उन्हें फिर से हस्तिनापुर का राज्य मिल गया।