RSS शिविरों में लड़कों का यौन शोषण? सुसाइड नोट से मचे हड़कंप पर बोलीं प्रियंका
केरल से एक दिल दहलाने वाली घटना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। एक आईटी प्रोफेशनल युवक ने आत्महत्या से पहले अपने सुसाइड नोट में आरएसएस के कई सदस्यों पर बार-बार यौन शोषण करने का आरोप लगाया है।
इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'बेहद भयावह' करार दिया है और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह घटना अब एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप लेती जा रही है। मृतक की पहचान सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनंदु अजी के रूप में हुई है। उसने अपने आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि आरएसएस के सदस्यों द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न ने उसके मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया था। उसने यह भी लिखा कि वह इस तरह का अकेला शिकार नहीं है, बल्कि आरएसएस के शिविरों में यह कृत्य बड़े पैमाने पर होता है। इस सनसनीखेज खुलासे ने संगठन की कार्यप्रणाली और शिविरों में युवाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ दी है, जिसके दूरगामी राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अनंदु अजी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे आरएसएस के कई सदस्यों ने बार-बार यौन शोषण का शिकार बनाया। अगर यह सच है, तो यह बेहद भयावह है।" उन्होंने कहा कि आरएसएस के शिविरों में लाखों बच्चे और किशोर शामिल होते हैं, और ऐसे आरोप सुरक्षा और नैतिक जिम्मेदारी का एक गंभीर सवाल उठाते हैं। प्रियंका ने आरएसएस नेतृत्व से तत्काल कार्रवाई की अपील करते हुए कहा, "आरएसएस के नेतृत्व को तुरंत इस पर जवाब देना चाहिए। उन्हें सच्चाई सामने लानी चाहिए।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लड़कों के साथ होने वाले यौन शोषण पर चुप्पी तोड़ना बेहद जरूरी है। इस मामले में डीवाईएफआई (DYFI) के राज्य सचिव वी. के. सनोज़ ने भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, 'हम मांग करते हैं कि जिन लोगों ने यह अपराध किया है, उन्हें कानून के तहत कड़ी सजा मिले। अनंदु ने अपने संदेश में जिन शाखाओं का नाम लिया है, उनके प्रमुखों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।' दूसरी ओर, केरल पुलिस ने अनंदु अजी की मौत के मामले में जांच शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि वे मृतक के सोशल मीडिया पोस्ट और फोन रिकॉर्ड्स के आधार पर संदिग्धों की पहचान करने का प्रयास कर रही है, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।





