Rajdhani Delhi : यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में एक मंजिल मकान डूबे, 5 हजार लोगों को निकाला

Jul 14, 2023 - 08:35
 0  250
Rajdhani Delhi :  यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में एक मंजिल मकान डूबे, 5 हजार लोगों को निकाला
Follow:

राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ते जाने से बृहस्पतिवार को हालात और बिगड़ गए। कल रात 10 बजे तक जल स्तर 208.63 मीटर तक पहुंच चुका था। राजधानी में हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान भी हालात पर नजर बनाये हुए हैं। पीएम मोदी ने ली खबर फ्रांस दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में यमुना का जल स्तर बढ़ने से निचले इलाकों में आई बाढ़ की फोन कॉल से जानकारी ली।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस संबंध में ट्वीट कर बताया कि पीएम मोदी ने फ्रांस से फोन कर दिल्ली में जलभराव व बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी ली है। उन्होंने बताया कि मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार से हर सम्भव सहायता ले कर दिल्ली के हित में समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, देर रात में यमुना का बाढ़ का पानी आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी के मुख्यालय तक पहुंच गया है।

प्रशासन आशंका जता रहा है कि अगर इसी तरह के हालात रहे तो सुप्रीम कोर्ट तक बाढ़ का पानी पहुंच सकता है। वहीं, दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय देर रात में सोनिया विहार पुस्ता, नानकसर गुरुद्वारे के पास बस्ती की तरफ यमुना के पानी के रिसाव की खबर मिलने पर अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने राहत कार्य का जायजा लिया व अधिकारियों को बचाव कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। कई इलाकों में पानी इस बीच यमुना खादर के अलावा कई रिहायशी इलाके में पानी घुस आया।

न्यू उस्मानपुर, शास्त्री पार्क, मयूर विहार और सोनिया विहार के कई इलाकों में पानी एक-एक मंजिल तक पहुंच गया। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग और मवेशी फंस गए। हालात को देखते हुए एनडीआरएफ के अलावा पुलिस, दमकल विभाग, बोट क्लब और सिविल डिफेंस के वालंटियर ने मोर्चा संभाल लिया। देर शाम तक बाढ़ में फंसे 5000 से ज्यादा लोगों के अलावा सैकड़ों मवेशियों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया।

 यमुना खादर के न्यू उस्मानपुर, शास्त्री पार्क, सोनिया विहार, गढ़ी मांडू समेत कई इलाकों में लोगों ने पक्के मकान बनाए हुए हैं। इन इलाकों में पानी का लेवल और बढ़ गया, लेकिन लोग मकान छोड़कर जाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में प्रशासन ने जबरन इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर, शास्त्री पार्क, सोनिया विहार से पुलिस ने जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और बोट क्लब की मदद से करीब 1600 लोगों और 1390 मवेशियों को सुरक्षित निकाला। पूर्वी जिला में पुलिस ने मयूर विहार, पांडव नगर, मंडावली समेत दूसरे इलाकों से करीब 950 लोगों और 500 से अधिक मवेशियों को निकाला।

वहीं, जिला प्रशासन ने भी राजधानी के अलग-अलग इलाकों से 2500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। शाहदरा, मध्य, उत्तरी जिला, दक्षिण-पूर्व जिला समेत बाकी एरिया में भी बचाव कार्य लगातार चलाया जा रहा है। दक्षिण-पूर्व दिल्ली के बटला हाउस व जाकिर नगर के निचले इलाकों में भी पानी भरा हुआ है। यहां से लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. जॉय टिर्की ने बताया कि बचाव दल के जवान जान पर खेलकर लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचा रहे हैं।

 कई जगहों पर संकरे रास्ते होने की वजह से नाव तक जाने के रास्ते नहीं थे। यहां एनडीआरएफ, पुलिस व दमकल विभाग के जवान तैरकर लोगों को बचा रहे हैं। बाढ़ से हुआ ट्रैफिक रुट डायवर्जन, नहीं दे सके परीक्षा दिल्ली में दो दिन से बाढ़ के कारण स्थिति खराब है। बृहस्पतिवार को सिविल लाइंस के पास बाढ़ का पानी आने से ट्रैफिक रूट डायवर्जन रहा। इस कारण से सिविल लाइंस स्थित सेंट जेवियर स्कूल के बच्चे फर्स्ट टर्म की परीक्षा नहीं दे सके। बाढ़ के पानी और जाम के कारण बच्चे स्कूल ही नहीं पहुंच पाए। स्कूल में पहली परीक्षा बारिश के कारण रद कर दी गई थी।

जबकि बृहस्पतिवार को स्कूल नहीं पहुंच सकने के कारण बच्चे घर वापस आ गए। कई बच्चों के कैब ड्राइवर ने सुबह फोन करके आने से मना कर दिया क्योंकि जगह-जगह पानी भरा था और इस कारण से रास्ते भी बंद थे। कुछ बच्चों ने अपने मम्मी-पापा या भाई के साथ स्कूल पहुंचने का प्रयास किया लेकिन ज्यादा दूर भी नहीं पहुंच सके। जाम होने के कारण उन्हें घर वापस जाने के लिए कह दिया गया। इसी तरह की परेशानी कुछ अन्य बच्चों को भी हुई। अभिभावकों को चिंता है कि स्कूल प्रशासन बाद में परीक्षा लेगा या नहीं। ब्यूरो बिजली गुल होने से भी बढ़ी समस्या यमुना में बाढ़ की वजह से बिजली गुल होने की समस्या भी बढ़ गई है। राजधानी के जितने भी निचले इलाके हैं, वहां के लोगों को इससे परेशान होना पड़ रहा है।

 सोनिया विहार, जामिया, ओखला, यमुना बाजार, संगम विहार समेत कई इलाकों में बिजली एक-एक घंटे के लिए गुल हो रही है। बिजली वितरण करने वाली कंपनी का कहना है कि बिजली की कोई कमी नहीं है। प्रशासन के निर्देश पर बिजली काटी जा रही है। बाढ़ की वजह से करंट लगने की समस्या है। जामिया नगर की रहने वाली खदीजा बेगम का कहना है कि इलाके में सुबह से दो-तीन बार बिजली एक-एक घंटे के लिए गुल रही, जबकि इस इलाके में जलजमाव की समस्या नहीं है। गांधी नगर के पास पुश्ते से पानी रिसा तो लोगों के होश उड़े यमुना में बुधवार रात जलस्तर बढ़ा तो गांधी नगर के नजदीक कैलाश नगर में पुश्ते से पानी रिसने लगा।

 ऐसे में स्थानीय लोग दहशत में आ गए। फौरन मामले की सूचना जिला प्रशासन को दी गई। रात को ही मौके पर क्रेन लगाकर तुरंत पुश्ते के नजदीक मिट्टी डालकर बोरियां लगा दी गईं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर रात में ही प्रशासन सतर्क नहीं होता तो कैलाश नगर और गांधीनगर में पानी भर चुका होता। यहां लोगों ने कारोबार के हिसाब से बेसमेंट भी बनाए हुए हैं। यदि पानी भरता तो भारी नुकसान हो सकता था। वहीं, कैलाश नगर से गीता कॉलोनी तक पानी लगभग सड़क पर आने का तैयार है। सड़क किनारे मिट्टी की बोरियां लगाई गईं। यहां पुश्ता रोड पर दिल्ली-सहारनपुर हाइवे का काम चल रहा है। बुराड़ी पुश्ते में आई दरारें, प्रशासन के होश उड़े यमुना पूरे उफान पर है।

नदी के किनारे से सटे ज्यादातर हिस्से जलमग्न हो चुके हैं। बृहस्पतिवार को यमुना का जलस्तर बढ़ने से उत्तरी दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया। इस बीच उत्तरी दिल्ली से ही एक बुरी खबर जिला प्रशासन को मिली तो अधिकारियों के होश उड़ गए। दरअसल, पुलिस के सहायक आयुक्त गश्त करते हुए बुराड़ी पुश्ते पहुंचे तो उन्हें दरारें दिखीं। पानी का स्तर और बढ़ा तो पुश्ता टूटने की आशंका को देखते हुए फौरन एसीपी और थाना प्रभारी ने मामले की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी। थाने पहुंचकर जनरल डायरी में एसीपी ने लिखा कि वह गश्त करते हुए ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी और हिमगिरी एंक्लेव पहुंचे। यहां नाला बंद होने की वजह से उसका पानी अथॉरिटी के अलावा हिमगिरी में घुस चुका था।

 वह स्टाफ के साथ आगे बुराड़ी पुश्ता पर पहुंचे तो वह जगह-जगह से क्षतिग्रस्त मिला। यदि इसका टूटना बंद नहीं हुआ तो पानी पूरे एरिया में भर जाएगा। एसीपी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से यहां पर तैनात करने के लिए फोर्स की भी डिमांड की। हालात को देखते हुए बचाव कार्य फौरन शुरू कर दिया गया। देश शाम तक जिला प्रशासन और पुलिस इसे लेकर बैठक कर रही थी। जिला प्रशासन ने बुराड़ी पुश्ते के पास सुरक्षा के इंतजाम शुरू कर दिए थे। पुश्ते का कटाव न हो इसके लिए प्रशासन ने मिट्टी की बोरियां लगा दी हैं। एनडीआरएफ टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है। निगम बोध घाट पानी में डूबा, अस्थियां नहीं उठा सके लोग निगम बोध घाट में छह-सात फीट पानी जमा हो गया है। दो दिनों से अंतिम संस्कार करने वाले व्यक्ति अपनों की अस्थियां भी उठा नहीं सके।

अस्थियां बाढ़ के पानी में बह गई हैं। घाट का संचालन करने वाली संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि मंगलवार व बुधवार को यहां अंतिम संस्कार करने वाले करीब 50 व्यक्ति अस्थियां नहीं उठा सके थे। उन्होंने बृहस्पतिवार व शुक्रवार को अस्थियां उठानी थीं, लेकिन बुधवार शाम को पानी भरना शुरू हो गया। इस कारण एनडीआरएफ की टीम व पुलिस ने किसी भी व्यक्ति को घाट में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी। राहत शिविरों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं, लोग परेशान यमुना में आए बाढ़ के बाद राहत शिविरों समय गुजार रहे लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं। पर्याप्त शिविर नहीं होने से लोगों को फ्लाइओवर और लूप का भी सहारा लेना पड़ रहा है, जबकि कई लोग मेट्रो स्टेशन के नीचे रात गुजार रहे हैं।

 लोगों का कहना है कि प्रशासन ने जो टैंट बनाकर दिए हैं उनमें बिजली की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में बिना पंखे के रात गुजारना मुश्किल हो रहा है। आसपास पानी भरा होने से मच्छर पनप गए हैं। मयूर विहार फेज के राहत शिविर में सुधो ने बताया कि छोटे-छोटे टेंट बनाए गए हैं, जबकि इनमें रखे गए लोगों के परिवार के सदस्य ज्यादा हैं। ऐसे में लोग जमीन पर सोकर रात गुजारने को मजबूर हैं। इसके यहां शौचालय व नहाने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वहीं, कौशल रानी ने बताया कि प्रशासन यहां साफ-सफाई तो करवा रहा है, लेकिन मच्छरों से बचने के लिए दवा का छिड़काव नहीं कराया, जबकि यहां काफी संख्या में छोटे बच्चे रहते हैं।

खाने-पीने इंतजाम भी पर्याप्त नहीं जगतपुर गांव में लोगों की ओर से लगाए शिविर में खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हैं। राहुल ने बताया कि दो दिन से काम पर भी नहीं गए और सारा सामान बाढ़ में डूब गया है। पैसे और खाने के लिए कुछ नहीं हैं। वजीराबाद गांव के पास खुद टेंट लगाकर दिन गुजार रही सीता ने बताया कि यहां इतनी बदबू फैल गई है कि सांस लेना मुश्किल हो रहा है। छोटे बच्चे ज्यादा परेशान हैं। दिन तो जैसे-तैसे कट रहा है, लेकिन रात को मच्छर परेशान कर रहे हैं। प्रशासन को यहां भी मदद पहुंचानी चाहिए। पानी भरने से यातायात व्यवस्था ठप, लोग परेशान यमुना की बाढ़ के कारण बृहस्पतिवार को ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई।

ट्रैफिक डायवर्ट होने से कई रास्तों पर जाम लगा। पानी भरने से आईपी फ्लाईओवर व चंदगीराम अखाड़े के बीच महात्मा गांधी मार्ग, कालीघाट मंदिर व दिल्ली सचिवालय के बीच महात्मा गांधी मार्ग और वजीराबाद ब्रिज व चंदगी राम अखाड़े के बीच बाहरी रिंग रोड पर आवाजाही रोक दी गई। इससे आईटीओ, दिल्ली गेट, पुरानी दिल्ली, बहादुरशाह जफर मार्ग, चांदनी चौक, लालकिला, आईएसबीटी कश्मीरी गेट व विकास मार्ग पूर्वी दिल्ली के कई मार्गों पर जाम लग गया। यातायात परिवर्तित करने के कारण सराय काले खां क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जाम लग गया। इन इलाकों में भी लगा जाम मार्ग बंद होने से श्मशान घाट, गीता कॉलोनी के इलाके, गांधी नगर पुस्ता रोड, स्वामी दयानंद मार्ग, जीटी रोड, राजाराम कोहली मार्ग, मास्टर प्लान रोड आदि मार्गों पर दिनभर जाम लगा रहा।

 जीटी रोड पर शाहदरा से आईएसबीटी, कश्मीरी गेट की ओर आने वाले यातायात को सीलमपुर टी-पॉइंट से परिवर्तित करने कारण केशव चौक-कड़कडड़ूमा कोर्ट- रोड नंबर 57- एनएच -24 पर दिनभर जाम रहा। कालिंदी कुंज में भी हालत खराब कांवड़ यात्रा के मद्देनजर कालिंदी कुंज से नोएडा की ओर जाने वाले मार्ग पर यूपी पुलिस द्वारा यातायात की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण कालिंदी कुंज रेड लाइट और रोड नंबर 13 ए, जसोला विहार पर भारी वाहन थे। इस कारण यहां पर दिनभर जाम जैसे हालात रहे। पुलिस ने कालिंदी कुंज की तरफ कम ही वाहनों को जाने दिया।

 इससे ओखला, मथुरा रोड, सरिता विहार, आश्रम चौक, डीएनडी, रिंग रोड, निजामुद्दीन व बारापूला भी जाम के कारण वाहन रेंगते हुए नजर आए। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी करेगी प्रतिदिन 10 हजार लोगों के लंगर की व्यवस्था दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आई है। कमेटी ने इन लोगों के लिए प्रतिदिन 10 हजार लोगों के लिए लंगर, पानी दवाईयों सहित अन्य सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।

कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने बताया कि उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वर्ष 1978 के बाद यह पहली बार है कि दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़े रहना दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी का कर्तव्य है और उसने हमेशा अपना कर्तव्य निभाया है फिर चाहे दिल्ली, उत्तराखंड, कश्मीर, पंजाब सहित देश के अन्य किसी हिस्से में मदद भेजनी हो। गुरुद्वारा मजनू का टीला, बदरपुर, जैतपुर इलाकों में लोग बाढ़ की चपेट में आए है। कमेटी लंगर, पीने का पानी और दवाइयों के अलावा लोगों के रहने के लिए जरूरी सुविधाएं भी मुहैया करा रही है। उन्होंने संगत से इस गंभीर प्राकृतिक संकट के दौरान साहस बनाए रखने व एक-दूसरे का साथ देने की भी अपील की।

 मदद के लिए सड़क पर उतरे आप विधायक बाढ़ प्रभावित की मदद के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश के बाद आप विधायक,पार्षद और कार्यकर्ता विभिन्न इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटे। उन्होंने बाढ़ एवं राहत शिविरों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की। राजेंद्र नगर के विधायक मरघट वाले हनुमान मंदिर के पास लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ राहत कार्य में सहयोग देने पहुंचे। वहीं, विधायक संजीव झा ने बुराड़ी के प्रधान एन्क्लेव यूजीआर के पास बने बाढ़ राहत कैंप का जायजा लिया।

 विधायक कुलदीप कुमार भी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सहायता पहुंचाने पहुंचे। विधायक एस के बग्गा ने श्मशान घाट पुश्ता और अन्य निचले इलाकों का दौरा किया। राहत शिविर लगाकर बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाएगी कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस ने बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश कार्यालय में बैठक की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि बाढ़ की विकराल स्थिति के कारण लाखों लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं और उनके सामने भूख, बारिश और बुनियादी जरूरतें बड़ी चुनौती है।

 दिल्ली की आम आदमी पार्टी और हरियाणा की भाजपा सरकार के आपस में सहयोग न करने का खामियाजा राजधानी की जनता भुगत रही है। दिल्ली सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ित व गरीब लोगों को राहत पहुंचाने में विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समय रहते बाढ़ के संकट पर उचित प्रयास करते तो स्थिति इतनी भयावह नहीं होती। बाढ़ पीड़ितों की सहायता में जुटे भाजपाई प्रदेश भाजपा कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों के सहायता में तीसरे दिन बृहस्पतिवार को भी जुटे रहे।

 प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा गीता काॅलोनी पुश्ते, मयूर विहार-1 पर स्थित राहत कैंपों पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान भोजन वितरण के साथ ही छोटे बच्चों के लिए दूध और बिस्किट की व्यवस्था कराई। सांसद रमेश बिधूड़ी विश्वकर्मा काॅलोनी, जैतपुर में लगभग 1000 बाढ़ विस्थापितों के लिए 24 घंटे रसोई की व्यवस्था कराई है। इसके अलावा सांसद डॉ. हर्षवर्धन और मनोज तिवारी भी राहत कैंपों में जाकर पीड़तों से मिले और उन्हें सहायता देने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गाद और गंदगी से पटी यमुना की सफाई पर ध्यान दिया होता तो नदी इस कदर उफान पर नहीं आती।

 पुलिस आयुक्त ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तर-पूर्वी जिले का दौरा किया। इस दौरान पुलिस आयुक्त राहत और बचाव कार्य में जुटे पुलिसकर्मियों से मिले। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाया। दिल्ली पुलिस के जवान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम के साथ लगातार राहत बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। दिल्ली पुलिस आयुक्त बृहस्पतिवार को उत्तर-पूर्वी जिले में पहुंचे और अधिकारियों ने बचाव कार्य को लेकर पूछताछ की। उत्तर पूर्वी जिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस बाढ़ग्रस्त इलाकों पर पूरी तरह नजर सतर्क हैं।