जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश: पात्र को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ

Sep 24, 2025 - 22:10
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जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश:  पात्र को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश: पात्र को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ

मैनपुरी (अजय किशोर) जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की मासिक समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र को मिले, मरीज तक निर्धारित रेस्पॉस टाइम में एम्बुलेंस पहुंचे, सभी सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये, एंटी रेबीज-एंटी बेनम प्रत्येक दशा में उपलब्ध रहे, सभी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ समय से उपस्थित रहकर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें, मरीजों, उनके तीमारदारों के साथ बेहतर व्यवहार किया जाये।

उन्होने कहा कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला की बेहतर देखभाल हो, उन्हें समय से ऑयरन, कैल्सियम की टेबलेट के साथ सभी जॉचे समय-समय पर करायी जाए, उन्हें पोषक आहार खाने के लिए जागरूक किया जाए साथ ही उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाए, प्रसव के उपरांत प्रसूता को डिस्चार्ज होने पर ही जननी सुरक्षा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाए, सुबह का नाश्ता, दोपहर, शाम का खाना समय से उपलब्ध कराया जाए, खाने की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए साथ ही उन्हें ड्रॉपबैक की सुविधा उपलब्ध कराकर 102 एंबुलेंस से उनके घर तक भेजा जाए, आशा, संगिनी के मानदेय के भुगतान में किसी भी स्तर पर विलम्ब न हो, सुनिश्चित किया जाये। श्री सिंह ने जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में चिन्हित क्षय रोगियांे की बेहतर देखभाल की जाए, उन्हें योजना में मिलने वाली धनराशि समय से उपलब्ध करायी जाए, प्रतिमाह पोषण पोटली भी उपलब्ध करायी जाए, जनपद में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए, अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों से निर्धारित मानकों का पालन कराया जाए। उन्होने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करने पर पाया कि वार्षिक लक्ष्य 23940 के सापेक्ष अब तक 7208 संस्थागत प्रसव हुए हैं, जिसमें से मात्र 6157 प्रसूताओं को ही जननी सुरक्षा योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया है। उन्होने स्वास्थ्य इकाईवार समीक्षा करने पर पाया कि कुचेला स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा 2745 के सापेक्ष माह अगस्त तक मात्र 125, बेवर स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा 2986 के सापेक्ष माह अगस्त तक मात्र 500, घिरोर स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा 2372 के सापेक्ष माह अगस्त तक मात्र 710, सुल्तानगंज स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा 3103 के सापेक्ष माह अगस्त तक 879 संस्थागत प्रसव हुये हैं, जिस पर उन्होने सम्बन्धित प्र. चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि संस्थागत प्रसव की प्रगति सुधारें।

उन्होंने राष्ट्रीय अधंता निवारण कार्यक्रम, जननी शिशु सुरक्षा योजना, एंबुलेंस 102, 108 रिस्पांस टाइम, क्षय रोग उन्मूलन, परिवार कल्याण कार्यक्रम आदि की बिंदुवार गहन समीक्षा की। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल वर्मा, मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. शंशाक कुमार, डा. संजय गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार, यूनिसेफ से संजीव पांडेय, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आशुतोष, डब्ल्यू.एच.ओ. से डा. वी.पी. सिंह, रीजनल को-आर्डिनेटर यूनेसेफ अरविन्द शर्मा, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र सिंह गौर, डी.पी.एम. संजीव पांडेय, समस्त प्र. चिकित्साधिकारी, आई.एम.ए. के प्रतिनिधि डा. संजय अग्रवाल सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार ने किया।