राजपूत रेजिमेंटल सेंटर में 33वीं द्विवर्षीय कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट का प्रतिष्ठित पद हस्तांतरित
राजपूत रेजिमेंटल सेंटर में 33वीं द्विवर्षीय कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट का प्रतिष्ठित पद हस्तांतरित
फतेहगढ़, राजपूत रेजिमेंटल सेंटर में 05 से 07 दिसंबर 2025 तक आयोजित *33वीं बायनियल (द्विवर्षीय) कॉन्फ्रेंस* का समापन एक भव्य सैन्य समारोह के साथ हुआ। इस सम्मेलन में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जीओसी-इन-सी पश्चिमी कमान एवं कर्नल ऑफ द राजपूत रेजिमेंट, वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारी, सभी बटालियनों के कमांडिंग ऑफिसर्स तथा सूबेदार मेजर शामिल हुए। तीन दिनों तक चली इस महत्वपूर्ण बैठक में रेजिमेंट के सामरिक, प्रशासनिक और भावी उद्देश्यों पर विस्तृत चर्चा की गई।
समापन दिवस 07 दिसंबर को करियप्पा वार मेमोरियल पर एक गरिमामयी सैन्य समारोह आयोजित किया गया। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया, जिससे परिसर का वातावरण भावनाओं और गौरव से भर उठा। इसके पश्चात आयोजित *विशेष सैनिक सम्मेलन* में कर्नल ऑफ द रेजिमेंट के प्रतिष्ठित पद का औपचारिक हस्तांतरण किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह साही, कमांडेंट – आर्मी वार कॉलेज, महू को ‘बैटन’ सौंपकर उन्हें *19वें कर्नल ऑफ द राजपूत रेजिमेंट* पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। समारोह में नव नियुक्त कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ने अपने पूर्ववर्ती, *18वें कर्नल ऑफ द रेजिमेंट*, को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के सम्मान में ‘स्क्रॉल’ भेंट किया। सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने सैनिकों के साहस, अनुशासन और अद्वितीय प्रदर्शन की सराहना की।
उन्होंने कहा कि राजपूत रेजिमेंट की गौरवशाली शौर्य परंपरा और सैनिकों की कर्तव्यनिष्ठा ही रेजिमेंट की सबसे बड़ी शक्ति है। प्रत्येक सैनिक अपनी विरासत को और अधिक ऊँचाइयों पर ले जाने में सक्षम है। राजपूत रेजिमेंट की इस ऐतिहासिक और प्रेरणादायी परंपरा ने एक बार फिर रेजिमेंट की एकता, वीरता और अदम्य जज्बे को नए स्वरूप में अभिव्यक्त किया।