एटा में भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार: SDM कोर्ट के पेशकार राजकुमार सिंह रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

Aug 22, 2025 - 22:03
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एटा में भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार: SDM कोर्ट के पेशकार राजकुमार सिंह रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

एटा में भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार: SDM कोर्ट के पेशकार राजकुमार सिंह रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

एटा। ज़िले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ से आई एंटी करप्शन टीम ने तहसील सदर में तैनात SDM कोर्ट के पेशकार *राजकुमार सिंह* को *रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार* किया है। यह कार्रवाई शुक्रवार दोपहर को की गई, जिससे तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार, कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित *तहसील सदर* में राजकुमार सिंह लंबे समय से पेशकार के पद पर कार्यरत थे। आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति से न्यायिक प्रक्रिया में मदद के नाम पर *रिश्वत की मांग* की थी।

पीड़ित ने इसकी शिकायत लखनऊ स्थित भ्रष्टाचार निवारण संगठन (Anti-Corruption Organization) से की, जिसके बाद टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने पहले जाल बिछाया और फिर जैसे ही राजकुमार सिंह ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, तुरंत उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया गया। मौके से आरोपी को *हिरासत में लेकर पूछताछ* की जा रही है। टीम ने रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली है। सूत्रों के अनुसार, राजकुमार सिंह इससे पहले *असलाह बाबू* के पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं और उस दौरान भी उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगे थे, हालांकि तब कार्रवाई नहीं हो सकी थी। **तहसील परिसर में हड़कंप** जैसे ही एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई की जानकारी तहसील कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को मिली, *तहसील परिसर में अफरातफरी मच गई।* कई लोग यह जानने को उत्सुक दिखे कि आखिर किसे पकड़ा गया है और किस मामले में। **भविष्य में और भी खुलासों की उम्मीद** एंटी करप्शन टीम अब राजकुमार सिंह से पूछताछ कर रही है और यह संभावना जताई जा रही है कि आगे *भ्रष्टाचार के और भी मामले उजागर हो सकते हैं।

टीम यह भी जांच कर रही है कि इस प्रकरण में और कौन-कौन शामिल था या इससे लाभान्वित हो रहा था। **प्रशासन की सख्ती** इस मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि तहसील में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए *आंतरिक जांच* की जाएगी और भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य कर्मचारियों पर भी *कड़ी कार्रवाई* की जाएगी। --- **यह कार्रवाई न केवल एक भ्रष्ट अधिकारी को बेनकाब करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि शासन अब भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या संरक्षण नहीं देगा।