भू-जल सप्ताह समापन पर विकास भवन में हुई महत्वपूर्ण बैठक, जल संरक्षण के लिए कार्ययोजना

भू-जल सप्ताह समापन पर विकास भवन में हुई महत्वपूर्ण बैठक, जल संरक्षण के लिए कार्ययोजना
एटा। जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह के निर्देशानुसार "भू-जल सप्ताह" के समापन अवसर पर मंगलवार को विकास भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी डॉ. नागेंद्र नारायण मिश्र ने की। बैठक में जल निगम, जल संसाधन, कृषि, पंचायती राज, उद्यान, सिंचाई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि **"जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित" केवल एक नारा नहीं, बल्कि धरातल पर उतारे जाने योग्य संकल्प है**। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन हेतु ठोस एवं समन्वित प्रयास किए जाएं। विशेष रूप से कृषि विभाग को किसानों को सिंचाई की आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए, जिससे कम पानी में बेहतर फसल उत्पादन सुनिश्चित हो सके। बैठक में बीते सप्ताह आयोजित **जल जागरूकता रैलियों, स्कूल प्रतियोगिताओं और ग्राम पंचायतों में हुए कार्यक्रमों** की समीक्षा की गई।
अधिकारियों ने बताया कि जनमानस ने जल संरक्षण के प्रति उत्साहजनक भागीदारी दिखाई है। मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में **सोख्ता गड्ढों, चेक डैम और तालाबों के संरक्षण को प्राथमिकता** देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि **ग्राम स्तर पर जल उपयोग में अनुशासन और जागरूकता** आवश्यक है। बैठक के अंत में **सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को जल संरक्षण की शपथ** दिलाई गई। साथ ही निर्देश दिया गया कि **अंतरविभागीय समन्वय के साथ भू-जल संरक्षण के लिए एक स्थायी कार्ययोजना तैयार की जाए**। इस अवसर पर **जिला पंचायत राज अधिकारी प्रीतम सिंह, जिला कृषि अधिकारी डॉ. मनवीर सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रदीप कुमार, जिला उद्यान अधिकारी सुघर सिंह** सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।