स्कूली बच्चों की सुरक्षा सर्वाेपरि: स्कूली वाहनों की सघन जांच जारी

स्कूली बच्चों की सुरक्षा सर्वाेपरि: स्कूली वाहनों की सघन जांच जारी
अलीगढ़ । बच्चों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में जिले में 01 जुलाई से 15 जुलाई 2025 तक स्कूली वाहनों की सघन जांच एवं विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत स्कूलों में संचालित वाहनों के पंजीकरण, फिटनेस, बीमा, परमिट, प्रदूषण प्रमाण पत्र आदि की बारीकी से जांच की जा रही है, ताकि स्कूली बच्चों को किसी भी तरह की असुरक्षा से बचाया जा सके। शुक्रवार को प्रवेश कुमार सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा 10 स्कूली वाहनों के चालान किए गए और 4 वाहन निरुद्ध किए गए। डॉ. ज्योति मिश्रा यात्रीकर अधिकारी द्वारा 19 वाहनों के चालान किए गए और 7 वाहन विभिन्न थानों में निरुद्ध किए गए। वहीं मथुरा प्रसाद यात्रीकर अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान 3 वाहनों के चालान और 1 वाहन को निरुद्ध किया गया।
इस प्रकार से कुल मिलाकर प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान शुक्रवार को 31 स्कूली वाहनों के चालान और 12 वाहनों को निरुद्ध किया गया। इसी क्रम में चम्पालाल एवं अनुराग सिंह वर्मा संभागीय निरीक्षक प्राविधिक द्वारा इगलास तहसील के अंतर्गत 8 स्कूलों के 20 स्कूली वाहनों की जांच की गई, जिनमें 4 वाहनों की फिटनेस समाप्त पाई गई। इन स्कूलों को तत्काल फिटनेस नवीनीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त 4 अन्य वाहन खराब अवस्था में पाए गए, जिनके पंजीकरण निरस्तीकरण की कार्रवाई कराने के निर्देश संबंधित स्कूल प्रबंधन को दिए गए हैं। आरटीओ दीपक कुमार शाह ने कहा कि स्कूली वाहनों की जांच एवं मार्ग चेकिंग के दौरान यह सख्त निर्देश दिए गए हैं कि फिटनेस समाप्त या प्रपत्र अपूर्ण वाहनों का उपयोग बच्चों के परिवहन में कदापि न किया जाए। साथ ही, सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के लिए वाहन चालकों और स्कूली बच्चों को जागरूक भी किया जा रहा है। दीपक कुमार शाह ने कहा कि ष्परिवहन आयुक्त के निर्देश पर जिलेभर में स्कूली वाहनों के कागजात, फिटनेस, बीमा, परमिट और प्रदूषण प्रमाण पत्र की गहन जांच की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देना है। वाहन स्वामियों और स्कूल प्रबंधन से अपेक्षा है कि वे सभी कानूनी औपचारिकताएं समय पर पूर्ण कर बच्चों की सुरक्षा में सहयोग करें।