Etah News : जहाँ मिली तैनाती, वहीं कमाए लाखों: BSA कार्यालय एटा के बाबू की संपत्ति देख विजिलेंस भी हैरान

Etah News : जहाँ मिली तैनाती, वहीं कमाए लाखों: BSA कार्यालय एटा के बाबू की संपत्ति देख विजिलेंस भी हैरान

Jun 28, 2025 - 20:38
 0  361
Etah News : जहाँ मिली तैनाती, वहीं कमाए लाखों: BSA कार्यालय एटा के बाबू की संपत्ति देख विजिलेंस भी हैरान

जहाँ मिली तैनाती, वहीं कमाए लाखों: BSA कार्यालय एटा के बाबू की संपत्ति देख विजिलेंस भी हैरान

एटा। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय एटा में तैनात एक लिपिक की आय से अधिक संपत्ति सामने आने पर विजिलेंस विभाग भी चौंक गया। करीब 50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति वैध आय के मुकाबले अर्जित करने के आरोप में बाबू जितेंद्र प्रताप सिंह तोमर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस एसपी आलोक शर्मा ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2023 में जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी।

 इसके बाद शासन ने 6 मार्च 2023 को खुली जांच के आदेश दिए थे। 17 मार्च 2025 को शासन को भेजी गई रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि जितेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने कुल 94,30,527 रुपये की वैध आय के मुकाबले 1,44,98,366 रुपये की संपत्ति और खर्च किए। यानी उन्होंने 50,67,839 रुपये आय से अधिक खर्च किए। जांच में सामने आया कि बाबू जितेंद्र इस अधिक संपत्ति का कोई संतोषजनक स्रोत नहीं बता सके। इसके बाद विजिलेंस की निरीक्षक गीता सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) के तहत उनके खिलाफ थाना विजिलेंस, आगरा में मुकदमा दर्ज कराया है।

★ तैनाती का लंबा इतिहास, आरोपों की लंबी फेहरिस्त** जितेंद्र प्रताप सिंह की तैनाती वर्ष 2000 में डायट एटा में बाबू के रूप में हुई थी। 2005 में उन्हें BSA कार्यालय एटा भेजा गया, 2012 में BSA कार्यालय कासगंज में तैनात किया गया, लेकिन शिकायतें मिलने के बाद उन्हें हटा दिया गया। 2013 में उनका स्थानांतरण राजकीय बालिका इंटर कॉलेज लालगढ़ी में हुआ, पर एक वर्ष बाद ही फिर कासगंज BSA कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया। 2017 में उन्हें एटा BSA कार्यालय में तैनात कर दिया गया और वर्ष 2022 से वह राजकीय कन्या इंटर कॉलेज रामनगर में कार्यरत हैं। खास बात यह रही कि जहाँ भी बाबू जितेंद्र की तैनाती हुई, वहीं से लाखों की कमाई के आरोप उन पर लगे।

★ परिवार से ही मिली शिकायत, ताऊ ने कराई थी जांच की शुरुआत** हैरानी की बात यह है कि यह शिकायत किसी और ने नहीं बल्कि खुद उनके ताऊ योगेंद्र पाल सिंह ने वर्ष 2019-20 में विजिलेंस को दी थी। उसी शिकायत के आधार पर विजिलेंस आगरा ने जांच शुरू की और अब मुकदमा दर्ज होने तक मामला पहुँच गया है।

★ अंतिम निष्कर्ष** विजिलेंस अब सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा। सरकारी सेवा में रहकर अनुचित तरीके से संपत्ति अर्जित करना न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी चोट पहुँचाता है। अब देखना होगा कि इस बाबू पर कानून का शिकंजा किस हद तक कसता है।