भगवान भी उसके प्रभाव में
भगवान भी उसके प्रभाव में
कहते है जिसके स्वभाव में ऋजुता , शीतलता आदि रहती है उनके साथ में भगवान रहते है । इस जीवन के हर दिन ना जाने कितने लोगों से हमारी मुलाक़ात, व्यवहार और बोल-चाल होती रहती है।किसके साथ हमने अच्छा सलूक किया या बुरा किसको हमने कटु वचन कहा या किसको हमने धोखा दिया।
जब ख़ाली समय होता है तो यह आभाष ज़रूर होता होगा कि आज हमने क्या ग़लत किया और क्या अच्छा।यह बात हमेशा हमारे दिमाग़ में रहनी चाहिये कि इंसान को अपने द्वारा अच्छे किये काम याद आये या ना आये पर उसके द्वारा किये गये कोई भी ग़लत क़ार्य उसके ज़िंदगी भर पीछा नहीं छोड़ता हैं ।
दिन भर में स्वयं द्वारा किये गये व्यवहार पर चिंतन करो कि मैंने क्या अच्छा क़ार्य किया और क्या ग़लत।कभी कभी इंसान अपने जीवन में ऐसे क़ार्य कर लेता है जिसके कारण सामने वाले इंसान के मन में पीड़ा की वजह हम बनते हैं।जिसके कारण वो हर पल हम्हें कोसता रहता है।उसकी आत्मा हम्हें दुतकारती रहती है।
कृपया ऐसे कोई क़ार्य ना करें जिसके कारण किसी व्यक्ति के आँखों में आँसु हमारे कारण हो।जीवन में ऐसे क़ार्य ज़रूर कीजिये कि जिसकी वजह से सामने वाले व्यक्ति के जीवन में ख़ुशियों के निमित हम बने।कुछ लोग हैं जिनकी आंखों में दूसरों का दुख-दर्द या तकलीफ देख कर आंसू आ जाते हैं ।ये आंसू उन्हें दु:खी लोगों के करीब ले जाते हैं और वे उनके साथ जुड़ जाते हैं ।
कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी आंखें कभी भी अचानक ही बहुत खुशी मिलने पर भर आती हैं ।यानी अधिक खुशी मिलने पर भी आंखों से आंसू झरने लगते हैं । अतः चाहे हम किसी की खुशी का कारण न बन सको पर किसी के दर्द का मरहम जरूर बनकर देखना शायद उनकी दुआओं से आपके अपने घाव ही भर जाएँ।ये सब जिसके स्वभाव में होते हैं आदमी तो क्या स्वयं भगवान भी उसके प्रभाव में रहते हैं । प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )