अल्पावधि पाठ्यक्रमों में उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें

Feb 23, 2025 - 12:54
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अल्पावधि पाठ्यक्रमों में उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें

अल्पावधि पाठ्यक्रमों में उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें

आज के युग में नौकरी पाने के लिए बहुत प्रतिस्पर्धा है। हर विद्यार्थी को यह जरूर सोचना चाहिए कि वह कौन सा कोर्स या पढ़ाई करे जिससे उसे जल्दी अच्छी नौकरी मिल सके। इस उम्र में सबसे बड़ी कठिनाई होती है कोर्स का चयन करना। आइये बात करते हैं 'अल्पकालिक पाठ्यक्रमों' की, जिन्हें अल्पावधि पाठ्यक्रम कहा जाता है। जैसा कि ज्ञात है, लघु-अवधि पाठ्यक्रम बहुत कम समय में पूरे हो जाते हैं। ये पाठ्यक्रम आमतौर पर तीन महीने से एक वर्ष तक चलते हैं। कई विश्वविद्यालय और कॉलेज ये पाठ्यक्रम संचालित करते हैं और कुछ निजी संस्थानों को भी सरकार द्वारा ऐसे पाठ्यक्रम संचालित करने की मंजूरी दी गई है। बिजनेस अकाउंटिंग और टैक्सेशन: कोई भी छात्र 12वीं कक्षा पास करने के बाद यह कोर्स कर सकता है। यह कोर्स मुख्य रूप से कॉमर्स से 12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए फायदेमंद है। यह पाठ्यक्रम तीन महीने में पूरा किया जा सकता है। छोटे व्यवसायिक प्रतिष्ठान ऐसे छात्रों को अपने व्यवसाय के लेखा-जोखा के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट या अकाउंटेंट नियुक्त करने का अवसर देते हैं। कार्य में अनुभव प्राप्त करने के बाद वे अपने कार्य के आधार पर बड़े प्रतिष्ठानों में नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं।

जावा डेवलपर जावा एक ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड भाषा है, जो हमें विभिन्न कंप्यूटर/मोबाइल एप्लिकेशन बनाने की विशेषज्ञता प्रदान करती है। जावा प्रौद्योगिकी आधारित सॉफ्टवेयर लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर काम करता है। दुनिया भर में एक लोकप्रिय कंप्यूटर भाषा होने के नाते, 'जावा' नौकरियों में उच्च स्कोर पाने का अवसर प्रदान करती है। जो लोग इस भाषा को जानते हैं उन्हें अच्छा वेतन और नौकरी मिलती है। जावा डेवलपर कोर्स की अवधि तीन से छह महीने तक होती है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में नौकरी के अनेक अवसर मिलते हैं। बिजनेस विश्लेषक बिजनेस विश्लेषक का काम बिजनेस डेटा का विश्लेषण करना है। वे वस्तुओं और सेवाओं आदि के संबंध में व्यवसायों के लिए प्रासंगिक डेटा प्रदान करते हैं। इस पद पर काम करने के लिए तीन से छह महीने का बिजनेस एनालिस्ट कोर्स उपलब्ध है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र व्यावसायिक संगठनों में बिजनेस विश्लेषक के रूप में काम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में उन्नति के अनेक अवसर हैं तथा योग्यता के अनुसार आय भी बढ़ती है। मशीन लर्निंग में सर्टिफिकेट कोर्स मशीन लर्निंग पाठ्यक्रम बहुत तेजी से उभर रहे हैं। इस कोर्स को पूरा करने के बाद किसी व्यावसायिक संगठन में नौकरी पाने वाला छात्र डेटा विज्ञान के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और कौशल के कारण अच्छा पद प्राप्त कर सकता है। इस पाठ्यक्रम की अवधि 6 माह है। कोई भी बारहवीं, स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री वाला छात्र ऐसा कर सकता है। वित्तीय नियोजक प्रमाणन पाठ्यक्रम यह पाठ्यक्रम उन सभी व्यक्तियों के लिए दुनिया का सर्वोत्तम प्रमाणन पाठ्यक्रम है जो शिक्षा मूल्यांकन, अभ्यास और नैतिकता के मानकों को पूरा करते हैं।

 एफपीसेठी इंडिया को वित्तीय योजनाकार के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीएफसी प्रमाणन से सम्मानित किया गया है। सीएफसी प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे और नई दिल्ली में उपलब्ध है। यह पाठ्यक्रम 6 महीने में पूरा होता है। इस कोर्स के बाद नौकरी के अच्छे अवसर भी उपलब्ध हैं। उपरोक्त पाठ्यक्रमों के अलावा कई अन्य पाठ्यक्रम भी हैं जिन्हें विद्यार्थियों की रुचि के अनुसार 3 से 6 माह की अवधि में पूरा किया जा सकता है। इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद छात्र अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। इच्छानुसार चुन सकते हैं। विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार मलोट पंजाब 2) मस्तिष्क में बढ़ रहे प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों विजय गर्ग इंसानी शरीर में बढ़ते प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों को लेकर वैज्ञानिकों ने नया खुलासा किया है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि इंसानी दिमाग में प्लास्टिक के इन महीन कणों का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इससे मस्तिष्काघात और ट्यूमर का खतरा बढ़ता जा रहा है। इंसानी शरीर में बढ़ता प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों का स्तर एक बड़े खतरे को उजागर करता है। शोध में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गुर्दे और लीवर की तुलना में इंसानी मस्तिष्क में प्लास्टिक के कहीं अधिक महीन कण जमा हो रहे हैं। इस अध्ययन के नतीजे अंतरराष्ट्रीय जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं।

इस अध्ययन में वर्ष 1997 से 2024 के बीच किए दर्जनों पोस्टमार्टम में मस्तिष्क के ऊतकों में प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों में बढ़ती प्रवृत्ति देखी गई है। इतना ही नहीं, शोधकर्ताओं को लीवर और गुर्दे के नमूनों में भी प्लास्टिक के महीन कण मिले हैं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लीवर, गुर्दे और मस्तिष्क के नमूनों में प्लास्टिक के सूक्ष्म और नैनोकणों का अध्ययन करने के लिए नए तरीकों की मदद ली है। शोधकताओं ने अपने इस अध्ययन में मस्तिष्क के 52 नमूनों का विश्लेषण किया है। इस दौरान 2016 में 28 नमूनों का, जबकि 2024 में 24 नमूनों का विश्लेषण किया गया। लीवर और किडनी के जो नमूनों लिए गए थे उनमें प्लास्टिक का स्तर करीब-करीब समान था। हालांकि, मस्तिष्क के नमूने जो फ्रंटल कार्टेक्स हस्सेि से लिए गए थे उनमें प्लास्टिक का स्तर बेहद अधिक था। विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि 2024 के लीवर और मस्तिष्क के नमूनों में प्लास्टिक के महीन कणों का स्तर 2016 की तुलना में बहुत अधिक था। उन्होंने इन निष्कर्षों की तुलना 1997 से 2013 के बीच लिए मस्तिष्क के ऊत्तकों के नमूनों से भी की है और पाया है कि हाल के नमूनों में प्लास्टिक के कणों का स्तर कहीं अधिक है। इसी तरह स्वस्थ लोगों की तुलना में डिमेंशिया से पीड़ित 12 लोगों के मस्तिष्क में प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों की कहीं अधिक मौजूदगी का भी पता चला है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क के नमूनों में प्लास्टिक के सूक्ष्म कणों का स्तर छह गुना अधिक था। शोधकर्ताओं के मुताबिक डिमेंशिया से होने वाले नुकसान से इन कणों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि वे यह पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि यह डिमेंशिया का कारण बनता है।

गौरतलब है कि पिछले पांच दशकों में प्लास्टिक एक बड़े खतरे के रूप में उभरा है। यही वजह है कि ऊंचे पहाड़ों से लेकर गहरे समुद्र तक आज धरती की शायद ही ऐसी कोई जगह है, जहां प्लास्टिक की मौजूदगी न हों। विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्राचार्य शैक्षिक स्तंभकार गली कौर चंद एमएचआर मलोट [3) शानदार सफलता का स्किल है प्रोजेक्ट मैनेजमेंट विजय गर्ग तेज औद्योगिक विकास के इस दौर में विभिन्न उद्योगों में नई परियोजना की शुरुआत होना नई बात नहीं है नया है वर्तमान में ऐसे नए प्रोजेक्ट्स की बहुतायत और इन्हें पूरा करने का तरीका। अब अधिकत्तर कंपनियां अपनी परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्ट मैनेजरों की मदद लेती हैं। इसी के चलते प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के स्किल का काम भी खूब बना है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट कहती है कि आने वाले 2030 तक कंपनियों को प्रति वर्ष 20 लाख प्रोजेक्ट मैनेजरों को नियुक्त करने की जरूरत होगी। वहीं फोब्र्स पत्रिका के एक लेख के अनुसार व्यापारिक प्रतियोगिता और तेज विकास के इस दौर में विविध उद्योगों में वैश्विक स्तर पर लगभग 2.5 करोड़ प्रोजेक्ट मैनेजर चाहिए होगे आने वाले कुछ वर्षों में। इसी संदर्भ में एंडरसन एनालिसिस ग्रुप की एक टैलेंट गैप एनालिसिस के अनुसार वैश्विक स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में रोजगार के कुल 75 फीसदी का प्रतिनिधित्व भारत और चीन करेंगे। कहने की जरूरत नहीं कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का क्षेत्र आपको एक अच्छा भविष्य देने में पूरी तरह सक्षम है। यहां एंट्री लेवल पर भी सालाना 9 लाख से ज्यादा सैलरी मिल सकती है। वहीं 5 साल के अनुभव के बाद आपको 18 लाख रुपये प्रति वर्ष तक का वेतन मिल सकता है। देश-विदेश में नेटवर्किंग के मौके भी मिलते हैं। क्या होता है काम पहले, किसी योजना को अंजाम देने के लिए अलग- अलग विभाग काम करते थे, जिससे काम में उलझनें और देरी होती थी। अब प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर एक व्यक्ति योजना से जुड़े सभी लोगों को साथ लेकर चलता है, प्लान बनाता है, संसाधन इकट्ठा करता है, और ये देखता है कि सब कुछ ठीक से हो रहा है या नहीं टीम बनाना, फाइनेंस की व्यवस्था और बजटिंग, जरूरी बदलाव और क्वालिटी का ध्यान रखना भी उसकी जिम्मेदारी होती है। क्या हो रोडमैप बिजनेस, इंजीनियरिंग, आईटी या संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री लें। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल (PMP) सर्टिफिकेशन करें। इंटर्नशिप करें लीडरशिप और कम्यूनिकेशन स्किल्स बेहतर करें। दूसरे प्रोजेक्ट मैनेजर्स और एम्प्लॉयर्स से संपर्क बनाएं ऑनलाइन प्लेटफॉम्र्स और सोशल मीडिया से प्रोफेशनल नेटवर्क बढ़ाएं। तकनीकी स्किलसेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट अप्रोच (जैसे एजाइल, वाटरफॉल) और टूल्स (जैसे MS Project, Jira, Trello) की समझ होनी चाहिए। फोर्ब्स के एक लेख की मानें, तो एजाइल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में दक्षता आपकी आय क्षमता को 47 फीसदी बढ़ा देंगे। इसके लिए Coursera और Skillsoft अच्छे मंच है। वहीं बिजनेस एनालिसिस का स्किल इसमें अहम होता है और उनकी आय में 43 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकता है। रिस्क मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के सर्टिफिकेशन भी मदद करेंगे। ये वैश्विक स्तर पर मान्यताप्राप्त हैं। कितने तरह के अवसर सरकारी और निजी, दोनों सेक्टर में मौके मिलते हैं। आईटी सेक्टर में ये भूमिका सबसे ज्यादा है। आईटी प्रोजेक्ट मैनेजर ये सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, सिस्टम अपग्रेड और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स देखते हैं। आईटी, इन्फॉर्मेशन साइंस, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के बैचलर्स के लिए। कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजर आर्किटेक्चर, सिविल इंजीनियरिंग आदि से संबंधित डिग्री के युवाओं के लिए। ये बड़े स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रिहायशी प्रोजेक्ट्स तक पर काम करते हैं।। हेल्थकेयर प्रोजेक्ट मैनेजर्स: इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम, हेल्थ केयर फैसिलिटी निर्माण या नई तकनीक के प्रोजेक्ट पर काम करना होगा। हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री काम आएगी। इसी तरह मार्केटिंग प्रोजेक्ट मैनेजर, रिटेल और कंज्यूमर गुड्स प्रोजेक्ट मैनेजर भी होते हैं। काम के शुरुआती सर्टिफिकेशन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल (PMP) सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और मान्यताप्राप्त सर्टिफाइड असोसिएट ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (CAPM) सर्टिफाइड प्रोजेक्ट मैनेजर (CPM) एजाइल सर्टिफाइड प्रैक्टिशनर (ACP) कॉम्पिटया प्रोजेक्ट कुछ काम के कोर्स ऑपरेशनल रिस्क मॉडेलिंग, अकाउंटिंग फंडामेंटल्स ट्रेनिंग कोर्स, आईटी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एसेंशियल विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार मलोट पंजाब