Maha Kumbh 2025: फूट-फूट कर रोती नजर आईं खूबसूरत महिला साधू
Maha Kumbh 2025: फूट-फूट कर रोती नजर आईं खूबसूरत महिला साधू
Harsha Richaria Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में हर रोज लाखों लोग आस्था की डूबकी लगा रहे हैं. इसमें देश भर से साधु-संत भी पहुंचे हैं. अलग-अलग अखाड़ों के संत अपने-अपने शिष्यों के साथ महाकुंभ में डेरा डाले हुए हैं। प्रयागराज में संतों और भक्तों का सैलाब उमड़ा है. इस महाकुंभ से कई संत अपनी अलग-अलग विशेषताओं के कारण चर्चाओं के केंद्र में बने हैं।
बात चाहे आईआईटीयन बाबा की हो या सबसे सुंदर साध्वी कहीं जाने वाली हर्षा रिछारिया की। हर्षा रिछारिया की तस्वीरों और वीडियो से पूरा सोशल मीडिया पटा हुआ है. गूगल पर हर्षा रिछारिया का नाम सर्च करते ही उनसे जुड़ी सैकड़ों खबरों की लिंक आ जा रही है. लेकिन इन तमाम लोकप्रियता के बीच अब हर्षा रिछारिया का ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे उन्हें चाहने वाले लोगों को बड़ा झटका लगा है। खुद को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या बताने वाली हर्षा रिछारिया महाकुंभ छोड़ने वाली हैं।
उन्होंने खुद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें हर्षा ने एक संत पर गंभीर आरोप लगाते हुए महाकुंभ छोड़ने की बात कही। वीडियो में हर्षा रिछारिया फूट-फूट कर रोती नजर आ रही हैं. रोते-रोते हर्षा कहती हैं, "शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी, धर्म को समझने आई थी, सनातन संस्कृति को समझने आई थी. आपने उसको इस लायक नहीं छोड़ा कि वो पूरे कुंभ में रुक पाए. वो कुंभ जो हमारी जीवन में एक बार आएगा. आपने वो कुंभ एक इंसान से छीन लिया. इसके पुण्य का तो नहीं पता लेकिन ये जो आनंद स्वरुप जी हैं, उनको इसका पाप जरूर लगेगा। हर्षा रिछारिया ने आगे कहा कि यहां कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया. संस्कृति में रमने का मौका नहीं दिया. इस कॉटेज में रहकर मुझे यह फील हो रहा है कि मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है. जबकि मेरी गलती नहीं है।
पहले मैं आई थी पूरे महाकुंभ में रहने की मंशा से आई थी. पूरे 24 घंटे इसी रूम को देखना पड़ रहा है तो इससे बेटर है कि मैं महाकुंभ से चली जाऊं। वायरल वीडियो में हर्षा रिछारिया जिस संत आनंद स्वरुप पर उन्हें कुंभ छोड़ने के लिए विवश करने का आरोप लगाया वो शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी हैं. आनंद स्वरूप जी महाराज ने बीते दिनों हर्षा रिछारिया को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान रथ पर बैठाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। आनंद स्वरूप जी ने कहा कि धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है. इससे बचना चाहिए. इस कदम को समाज में गलत संदेश फैलाने वाला बताया और कहा कि यदि साधु-संतों ने इसे नहीं रोका, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
स्वामी आनंद स्वरूप जी ने आगे कहा कि साधु-संतों को त्याग की परंपरा का पालन करना चाहिए, न कि भोग की। उन्होंने आगे कहा कि एक आचार्य महामंडलेश्वर द्वारा मॉडल को रथ पर बैठाकर अमृत स्नान पर जाना समाज के लिए उचित नहीं है. इससे श्रद्धालुओं की आस्था धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. यह भी कहा कि साधु-संतों को समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए, न कि धर्म का दिखावा करना चाहिए।