जबरन जायदाद लिखाने वाले जग्गू व चन्नू यादव पर केस

Nov 27, 2024 - 08:25
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जबरन जायदाद लिखाने वाले जग्गू व चन्नू यादव पर केस
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जबरन जायदाद लिखाने वाले जग्गू व चन्नू यादव पर केस

फर्रुखाबाद। जबरन जायदाद लिखने वाले गैगेस्टर जग्गू व चन्नू यादव आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। थाना कादरी गेट के मसेनी निवासी रमेश चन्द्र यादव पुत्र स्व० राम चन्द्र ने रिपोर्ट दर्ज करने की बहादुरी दिखाई है। रमेश ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि मेरी पैतृक जमीन गाटा सं0 224 ग्राम मसैनी में थी। जिस पर गैंगस्टर अपराधी जग्गू उर्फ देवेन्द्र यादव व चन्नू उर्फ योगेन्द्र यादव पुत्रगण स्व० शिवनन्दन यादव निवासीगण लोको की नीयत काफी लम्बे अरसे से खराब थी। इस कारण कई बार जग्गू और चन्नू के गुर्गे सतेन्द्र यादव पुत्र सुरेश चन्द्र निवासी मसैनी उसका बहनोई रत्नेश यादव पुत्र शेर सिंह निवासी सातनपुर व सुनील कुमार पुत्र अमर पाल सिंह निवासी नगला दीना थाना कोतवाली फतेहगढ़ हमारे पास आये।

 रंगदारी में पैसे माँगे और कहा कि पैसे दें या जमीन लिख दे नहीं तो तुझे जिन्दा नहीं छोड़ेगें। मैं बहुत गिड़गिड़ाया मगर यह लोग नहीं माने। सुनील कुमार ने जग्गू उर्फ देवेन्द्र यादव से मेरी फोन पर बात करायी। जिस पर जग्गू उर्फ देवेन्द्र यादव ने पैसे के लिये दबाव बनाया। मेरे पास इलाज के लिये पाँच हजार रूपये रखे थे जो इन लोगों को दे दिये। एक महीने बाद फिर से यही हुआ और इस बार यह लोग मुझसे तीन हजार रूपये ले गये। गालियाँ देते हुए कहा कि हर महीने पैसा देना पड़ेगा। जिसके बाद इन लोगों से छुपता छुपाता रहा। 13 फरवरी 22 को मै अपने घर से दिन के करीब 11 बजे लोहिया अस्पताल ई रिक्शा पर बैठकर जा रहा था।

तभी मसेनी लकूला रोड़ पर स्थित दीप पैलेस गेस्ट हाउस के सामने एक सफेद रंग की बड़ी गाड़ी से इन लोगों ने ई रिक्शा को रोका। जबरन मुझको अपनी गाड़ी में बैठा लिया जिसमें पहले से बैठे जग्गू उर्फ देवेन्द्र यादव, चन्नू उर्फ योगेन्द्र, सुनील गाड़ी से सतेन्द्र यादव, रत्नेश यादव, सुनील कुमार व मनमोहन उर्फ मोनू तहसील ले गये। जहाँ मुझसे मनमाफिक लिखा पढ़त करवा ली। तहसील से मुझको पांचाल घाट ले जाया गया जहाँ पर दूसरी गाड़ी में देवेन्द्र यादव उर्फ जग्गू व योगेन्द्र यादव उर्फ चन्नू मिले। उन्होनें मुझे डराया और कहा कि अगर किसी से भी कुछ कहा या कहीं शिकायत की तो तुझे जान से मार देगें । उस समय अपनी परिस्थितियों एवं अपनी व अपने परिवार की जीवन रक्षा को देखते हुए अभी तक भय के कारण चुप रहा। मगर अब प्रशासन की इन लोगों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही को देखते हुए मेरी हिम्मत बढ़ी।