Etah News : निधौली कला सीडीपीओ बनी भृष्टाचार की दासी

Etah News : निधौली कला सीडीपीओ बनी भृष्टाचार की दासी

Oct 15, 2024 - 08:52
Oct 15, 2024 - 13:04
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Etah News : निधौली कला सीडीपीओ बनी भृष्टाचार की दासी
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Etah News : निधौली कला सीडीपीओ बनी भृष्टाचार की दासी

एटा। नए नियम नए कानून? निधौलीकलां मुख्य सेविका ने जब से चार्ज संभाला है क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मौज आ गई है। एक हजार से दो हजार रुपये महीना दो और खुलकर पोषाहार को घर मे रखो या बेचो! बाँटना न बाँटना उनकी जिम्मेदारी। ऐसा ही वाक्य आपको बताते हैं।

 मिली जानकारी के अनुसार निधौलीकलां क्षेत्र के गांव धौलेश्वर में सीमा माथुर आंगनवाड़ी कार्यकत्री है जो अपना केंद्र चलाती है इसके पड़ोस में रहने वाली एक अन्य सजातीय कार्यकत्री थी जिसकी शिकायत सीमा माथुर और इसका पति उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गए बेचारी ने आंगनवाड़ी विभाग से स्तीफा ही दे दिया। शातिर दिमाग सीमा माथुर ने विभाग व अन्य की शिफारिश से उस आंगनवाड़ी कार्यकत्री का भी चार्ज अपने नाम करा लिया।

उसके बाद होने लगा खेला! क्योकि फिर बच्चों गर्भवती महिलाओं आदि के पुष्टाहार की होने लगी कालाबाजारी, आपको बताते चले कि धौलेश्वर में तैनात सीमा माथुर गांव में न रहकर एटा के संजय नगर में सपा नेता पप्पू दिवाकर के घर के पास अपने निजी घर मे रहती है। केंद्र तो कागजों की खानापूर्ति में चल रहे हैं। शिकवा शिकायत के बाद ग्राम प्रधान व स्कूल के अध्यापकों से लिखवाकर दिया जा रहा है कि सीमा माथुर केंद्र पर उपस्थित रहती हैं? जबकि ये एटा में रहकर अपने लड़के के साथ जाकर कभी कभी उपस्थित दर्ज कराती है।

 पति लोगों को अपनी गुंडागर्दी/ नेतागीरी दिखाता है सबको बताता है कि में डाकघर में नौकरी करता हूँ, जबकि आपको बतादे कि सीमा माथुर का पति संजय सिंह डाकघर में अपनी बहन की जगह नौकरी करता है। निधौलीकलां में तैनात पूर्व सीडीपीओ ने सीमा माथुर के खिलाफ जिला कार्यक्रम अधिकारी को 58 गर्भवती व बच्चों का पोषाहार वितरण महीनों से नहीं किया गया की रिपोर्ट सौंपी थी। लेकिन अभी तक कोई कानूनी कार्यवाही अमल में नहीं आई है।

 जिलाधिकारी एटा प्रेम रंजन सिंह की भी जानकारी में प्रकरण पहुंच चुका है। वर्षों से 2 केंद्र चलाने वाली सीमा माथुर पर आखिर किसकी मेहरबानी है जिससे दो केंद्र एटा में रहकर चला रही है। सीमा माथुर कार्यकत्री आंगनबाड़ी के पूर्व में भी पोषाहार न बांटने के समाचार अखबारों में प्रकाशित हो चुके हैं। तब कहीं विभाग को जानकारी हुई और फिर विभाग ने जबाब तलब किया। सीमा माथुर ने डाक द्वारा जबाब दिया गया उसमे दर्शाया गया है कि 58 बच्चों का पोषाहार गलती से वितरण नहीं हो पाया था।

मुझसे गलती हो गई। यहाँ पर कई सवाल खड़े हो जाते हैं- क्या विभाग ऐसे मासूम बच्चों जिन्होंने अपनी दुनिया भी नहीं देखी वो मां के गर्भ में पल रहे हैं सरकार उनका ख्याल रख रहीं हैं लेकिन उस पर सीमा माथुर जैसे डाका डाल रहे है ऐसों पर कब होगी कार्यवाही? सीमा माथुर का पति जो सरकार को चूना लगा रहा है एक तो अपनी बहन की जगह डाकघर में नौकरी करता है और अपनी पत्नी के घोटाले की पैरवी करता है, ऐसों पर कब चलेगा सरकार का हंटर।

नई तैनाती मुख्य सेविका रावत को सीमा माथुर का पति संजय सिंह अपनी पत्नी के दोनों केंद्र बचाने के लिए चापलूसी पर उतर आया है सीडीपीओ को अपनी बाइक पर बैठाकर घुमाता है यह चर्चा क्षेत्र में आम हो गई है। रावत का कमाऊ पूत साबित हो रहा है। वर्तमान मुख्य सेविका रावत ने पूर्व शिक़ायतों पर कोई कार्यवाही न कर अवैध कमाई के मोह माया में पड़ गई है।

 रावत की कार्यप्रणाली ने अन्य कार्यकत्रियों में भी रोष व्याप्त है क्योकि अब महिनेदारी की डिमांड बढ़ा दी गई है। लेकिन इसके दोनो केंद्र ठीक से नहीं चल रहे हैं। जिलाधिकारी एटा व विभागीय अधिकारी संज्ञान लें, अन्यथा मासूमों के निबाले पर यों ही डाका पड़ता रहेगा।