शिक्षक दिवस: छात्रों ने की अध्यापकों की मिमिक्री
शिक्षक दिवस: छात्रों ने की अध्यापकों की मिमिक्री
फर्रुखाबाद। सीपी इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की उपनिदेशिका श्रीमती अंजू राजे प्रधानाचार्य श्री संजय बिष्ट हेडमिस्ट्रेस श्रीमती संदीपा कुमार ने सामूहिक रूप से मां सरस्वती को पुष्पांजलि समर्पित कर तथा दीप प्रज्वलन करके किया। हेड ब्वॉय व हेड गर्ल ने उपनिदेशिका, प्रधानाचार्य एवं हेडमिस्ट्रेस को बुके देकर सम्मानित किया।
छात्रों ने शिक्षकों को उनके स्वभाव के अनुकूल प्रतीक चिन्ह (logo) तथा उपहार प्रदान कर केक वितरण किया। नन्हे मुन्ने बच्चों ने गीत गायन एवं नृत्य दिखलाकर खूब वाहवाही लूटी। कुछ छात्रों ने शिक्षकों की मिमिक्री कर उन्हें हैरान कर दिया तथा कुछ बच्चों ने शिक्षकों का रोल अदा करते हुए कक्षाओं में अध्यापन कार्य किया। छात्रों ने यह जानने का प्रयास किया कि शिक्षक प्रतिदिन कितनी मेहनत करते हैं तथा किन समस्याओं का सामना करते हैं। निर्देशिका डॉ मिथिलेश अग्रवाल ने अपने संदेश में बताया कि शिक्षक कुम्हार की तरह है जो कि ज्ञान रूपी हाथ से मस्तिष्क को समृद्ध बनाते हैं और अनुशासन रूपी दूसरे हाथ से भय दिखाते हैं।
उपनिदेशिका श्रीमती अंजू राजे ने कहा कि हर युग में शिक्षकों का अहम रोल रहा है अत्याचारी राजा धनानंद की सत्ता को समाप्त कर चंद्रगुप्त मौर्य के विशाल सम्राज्य की स्थापना का कार्य एक शिक्षक चाणक्य ही कर सके । अतः शिक्षक जब भी अपनी संपूर्ण शक्ति का प्रयोग करता है तो सृष्टि में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसमें वह सफलता नहीं पा सकता है। प्रधानाचार्य संजय बिष्ट ने प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल शिक्षकों को ही नहीं अपितु समस्त देशवासियों को उनके चरित्र से सीखने की जरूरत है।
क्योंकि राधा कृष्णन जी को 40 वर्षों के शिक्षण कार्य का मनन करने पश्चात ऐसा लगा कि अभी मुझे कुछ और करना चाहिए तो उन्होंने अपने जन्म दिवस को ही देश के शिक्षकों के नाम कर दिया। हेड मिस्ट्रेस संदीप कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया । शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई दी छात्रों के कार्यक्रम की प्रशंसा की। सुनिधि एवं गौरी यादव ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम के अवसर पर समस्त शिक्षकों एवं छात्रों का सराहनीय योगदान रहा। आर्य समाज का कार्यक्रम शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति जनपद की प्रसिद्ध सामाजिक संस्था सेवा पांचाल नगरी फर्रुखाबाद व आर्य समाज की ओर से कमालगंज स्थित आर्य समाज मंदिर में ‘शिक्षक सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया।
जिसमें शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला उप शिक्षा निदेशक डायट प्राचार्य श्री अनुपम अवस्थी रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ प्रशांत श्रीवास्तव व कांशीराम महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ शालिनी वर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ यज्ञ के साथ हुआ पश्चात देश के पूर्व राष्ट्रपति व कुशल राजनीतिज्ञ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया गया।
संस्था के संस्थापक राहुल वर्मा ने माल्यार्पण व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि डॉ अनुपम अवस्थी ने कहा कि शिक्षक के ऊपर एक सभ्य समाज के निर्माण का दायित्व होता है इसके लिए उनके अंदर परोपकार की भावना होनी चाहिए। वह बिना किसी पक्षपात के समान रूप से अपना ज्ञान अपने विद्यार्थियों को दे। डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि हम सब के जीवन निर्माण मे हमारे गुरुजनों का विशेष योगदान होता है इसलिए उपलब्धि के किसी भी शिखर पर पहुंच कर अपने गुरुजनों को नहीं भूलना चाहिए। राजकीय महाविद्यालय से आयीं डॉ शालिनी ने कहा कि बच्चों के निर्माण के लिए शिक्षक को दीपक की तरह जलना पड़ता है तब जाकर शिष्यों के भविष्य निखरता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान आचार्य चंद्रदेव शास्त्री ने कि महर्षि दयानंद कहते हैं कि वह संतान बढ़ी ही भाग्यवान है जिसके माता-पिता व आचार्य धार्मिक व विद्वान हों। आजकल आधुनिक शिक्षण व्यवस्था में धर्म को निकाल दिया गया है जब कि प्राचीन गुरुकुलीय शिक्षा व्यवस्था धर्मयुक्त थी।बालकों को लौकिक ज्ञान के साथ-साथ पारलौकिक सिद्धि भी प्राप्त कराना ही गुरुओं का लक्ष्य था।उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजों की थोपी हुई है जिसका उद्देश्य केवल नौकर पैदा करना था।
जबकि हमारी शिक्षा संस्कार युक्त थी जिससे बालकों के उत्तम चरित्र का निर्माण होता था। बिना संस्कारों के मनुष्य पशुतुल्य होता है इसलिए जो शिक्षक शिक्षा के साथ संस्कार भी देने का कार्य करता है वही सच्चे अर्थों में शिक्षक। इस अवसर पर आर्य समाज द्वारा संचालित एम डी एस लाइब्रेरी के छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। संस्था के संरक्षक जगदीश प्रशाद वर्मा ने सभी मेधावी विद्यार्थियों व शिक्षक जनों को प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
आर्य समाज के प्रधान प्रदीप आर्य व आचार्य संदीप आर्य ने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त कर उन्हें वैदिक साहित्य भेंट किया। सभा का कुशल संचालन शिक्षक व युवा कवि वैभव सोमवंशी ने किया। कार्यक्रम में रुचि वर्मा एसआरजी,शिवम दीक्षित, शिवम् मिश्रा, संजीव बाथम, विशाल श्रीवास्तव, ओमदेव शास्त्री, आचार्य राकेश,सुरेश चंद्र वर्मा,घनश्याम यादव,हरिओम शास्त्री, शिवम मिश्रा,अश्वनी कश्यप,सुमित कुमार आदित्य शुक्ला विशाल आदि लोगो मौजूद रहे।