Cardiologist arrested for implanting faulty pacemakers: कार्डियोलॉजिस्ट ने कमीशन के लिए 600 मरीजों में लगा दिए सस्ते पेशमेकर 200 की मौत
Cardiologist arrested for implanting faulty pacemakers: उत्तर प्रदेश के इटावा में पुलिस ने एक कार्डियोलॉजिस्ट को अरेस्ट किया है।
कॉर्डियोलॉजिस्ट पर 600 मरीजों में फॉल्टी पेसमेकर इंप्लांट करने का आरोप है। इसमें करीब 200 की मौत हो गई। आरोपी डॉक्टर, इटावा के सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजी में पोस्टेड था। कॉर्डियो मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने सहित कई आरोप उस पर लगे हैं।
2017 से 2021 तक लगाए करीब 600 पेसमेकर सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में पोस्टेड रहे कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ.समीर सर्राफ पर आरोप है कि उन्होंने हृदयरोगियों में सब-स्टैंडर्ड पेसमेकर इंप्लांट किए। 2017 से 2021 के बीच उनके द्वारा 600 मरीजों के आसपास पेसमेकर लगाया गया है।
इसमें करीब 200 मरीजों की जान जा चुकी है। कैसे खुला मामला? मोहम्मद ताहिर पेशे से अधिवक्ता हैं। 2019 के जून महीना में उन्होंने अपनी पत्नी बीबी रेशमा को कमजोरी महसूस होने पर सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया था। मोहम्मद ताहिर ने बताया कि अपनी पत्नी बीबी रेशमा को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वह किसी परिजन को लेने के लिए घर चले गए।
उनकी अनुपस्थिति में डॉ. समीर सर्राफ ने उनकी पत्नी को ऑपरेशन थिएटर ले जाकर टेंपरेरी पेसमेकर इंप्लांटेशन कर दिया। जब वह लौटे तो रेशमा वार्ड में नहीं थीं। मोहम्मद ताहिर ने बताया कि जब वह पूछताछ करने लगे तो पता लगा कि उनकी पत्नी आईसीयू में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ.समीर सर्राफ ने बताया कि उनकी पत्नी क्रिटिकल थीं इसलिए टीपीआई किया गया।
इस पर ताहिर ने बताया कि वह उनको दिल्ली ले जाना चाहते हैं, मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोई इलाज नहीं कराना चाहते। ताहिर ने आरोप लगाया कि बताया गया कि अगर पत्नी को जीवित रखना चाहते हैं कि यहीं पर पेसमेकर लगाने की कार्यवाही पूरी कराएं। मोहम्मद ताहिर ने बताया कि डॉक्टर्स ने पेसमेकर के लिए 1 लाख 85 हजार रुपये चार्ज किया गया और कानपुर की एक फर्म की रसीद उनको दी गई। उन्होंने बताया कि 14 जून 2019 को उनकी पत्नी को पेसमेकर लगाए जाने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि पेसमेकर की आयु 20 साल बताई गई। लेकिन दो महीना में ही उनकी पत्नी को प्रॉब्लम हुई। उन्होंने बताया कि 24 अगस्त 2019 को रेशमा की हालत बिगड़ने पर जल्द सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी लेकर गए लेकिन पांच दिनों बाद उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। दिल्ली के होली हॉस्पिटल में वह 13 दिनों तक कोमा में रहीं और फिर 10 सितंबर को डिस्चार्ज कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर 2019 को उनकी पत्नी का देहांत हो गया।
इसके बाद मोहम्मद ताहिर ने शिकायत दर्ज कराया। सैफई पुलिस थाना के एसएचओ मोहम्मद कामिल ने बताया कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी से डॉ.समीर सर्राफ को अरेस्ट किया गया है। उनके खिलाफ इटावा के डिप्टी एसपी नागेंद्र चौबे की टीम जांच कर रही है।
उधर, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजकुमार ने भी उनके खिलाफ जांच कराई। जांच में यह सामने आया कि पेसमेकर लोकल सोर्स से बेहद कम कीमत पर खरीदी गई। इस जांच रिपोर्ट के बाद सैफई मेडिकल कॉलेज के सीएमओ डॉ.आदेश कुमार ने पुलिस में दिसंबर 2021 में एफआईआर दर्ज कराया। साथ ही डॉ.समीर सर्राफ को सस्पेंड कर दिया गया है।