फर्जी अर्दली 18 सालों से कर रहा था सरकारी नौकरी, DM के सवाल से उड़े होश

फर्जी अर्दली 18 सालों से कर रहा था सरकारी नौकरी, DM के सवाल से उड़े होश

Feb 22, 2024 - 08:33
Oct 1, 2024 - 21:33
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फर्जी अर्दली 18 सालों से कर रहा था सरकारी नौकरी, DM के सवाल से उड़े होश
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UP: देवरिया जनपद के बरहज तहसील कार्यालय से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिला प्रशासन के इस अहम कार्यालय में फर्जी अर्दली बीते 18 सालों से काम कर रहा था।

यह अर्दली बाकायदा सफेद रंग की सरकारी यूनीफॉर्म, सिर पर सरकारी टोपी और उस पर कलेक्‍ट्रेट लिखा एक बिल्‍ला भी लगाता था। उसके तौर- तरीकों पर किसी को शक नहीं हुआ।

इस फर्जी अर्दली का खुलासा तब हुआ जब बरहज कस्बे के रहने वाले एक व्यक्ति ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी ( डीएम) से शिकायत कर दी. उसने बताया कि सरकारी अर्दली राजेश कुमार एक जमीन के खारिज दाखिल के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है.

इस आरोप से चौंके डीएम अखंड प्रताप सिंह ने तुरंत राजेश कुमार को बुलवाया और उससे सबके सामने ही पूछताछ की. इससे पता चला कि वह सरकारी अर्दली नहीं है।

इसके बाद तो अखंड प्रताप सिंह ने फौरन एक्‍शन ले लिया. डीएम अखंड प्रताप सिंह ने उसे तुरंत पुलिस हिरासत में भेजते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. उन्‍होंने कहा कि आखिर ये आदमी सरकारी कार्यालय में कैसे काम कर रहा था. अगर इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था तो फिर इसके लिए दोषी पर कठोर कार्रवाई होगी।

डीएम अखंड प्रताप सिंह ने बृह बरहज एसडीएम (SDM) और तहसीलदार से स्पष्टीकरण भी माँगा है. बताया जाता है कि आरोपी राजेश कुमार इस तहसील में 2006 से कार्यरत है. लोग उसे सरकारी कर्मचारी ही समझते थे और वह भी सरकारी यूनीफॉर्म पहने होता था।

सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि वह हर दिन तहसील कार्यालय में मौजूद रहता था, लेकिन उसे कोई वेतन नहीं मिलता था. जो भी साहब आते रहे; वह उनका अर्दली बनकर काम करता रहा और किसी ने भी उसे ऐसा करने से नहीं रोका। 

हरे पेड़ों की अवैध कटान पर डीएम ने लिया एक्‍शन बरहज क्षेत्र में सरकारी भूमि पर हरे पेड़ों की अवैध कटान हो रही थी जिस पर आख्या और कार्य में लापरवाही बरतने पर बरहज तहसील के लेखपाल चंद्रशेखर को डीएम ने निलंबित किया है।

संपूर्ण समाधान दिवस में सरकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही के बाद राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वही इस पूरे मामले पर बरहज एसडीएम और तहसीलदार ने प्रतिक्रिया देने से साफ इंकार कर दिया।