International Women’s Day: हर महिला के लिए इंस्पिरेशन हैं TV की ये 5 आदर्शवादी बहुएं, आपकी कौन है फेवरेट?
महिला दिवस नजदीक है, इसलिए इसका जश्न मनोरंजन जगत में भी देखने को मिलेगा। टीवी इंडस्ट्री में महिलाओं को सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। भारतीय टीवी शो में महिलाओं को वास्तविक महत्व दिया जाता है। फिल्मों में पुरुष अभिनेता ही असली राजा होते....
महिला दिवस नजदीक है, इसलिए इसका जश्न मनोरंजन जगत में भी देखने को मिलेगा। टीवी इंडस्ट्री में महिलाओं को सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। भारतीय टीवी शो में महिलाओं को वास्तविक महत्व दिया जाता है। फिल्मों में पुरुष अभिनेता ही असली राजा होते हैं और अधिकांश अभिनेत्रियों को सिर्फ ट्रॉफी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि छोटे पर्दे की खासियत यह है कि यहां महिलाएं हमेशा सब पर हावी रहती हैं। टीवी की कई ऐसी बहुएं रही हैं जो लोगों के लिए प्रेरणा हैं। आइए जानते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन सी टीवी की बहुएं शामिल हैं?
जब भी टीवी की बहुओं की बात आती है तो गोपी बहू का नाम अपने आप ही सबकी जुबान पर आ जाता है। 'साथ निभाना साथिया' से गोपी का किरदार इतना मशहूर हुआ कि शो खत्म होने के सालों बाद भी लोग उसे भूल नहीं पाए हैं। गोपी ने लैपटॉप धोकर भले ही सबको हंसाया हो, लेकिन ससुराल में जिस तरह से उसने खुद को साबित किया और सबकी चहेती बनी, उसे भुलाया नहीं जा सकता। गोपी बहू रसोई में निपुण थी और बाद में उसने पढ़ना-लिखना भी सीख लिया। वह घर, व्यवसाय का प्रबंधन कर सकती थी और दुश्मनों और गुंडों से अकेले ही निपटने की क्षमता रखती थी।
आपको लोकप्रिय टीवी शो 'ये है मोहब्बतें' की डॉक्टर इशिता भी याद होगी। एक दंत चिकित्सक जो बच्चों के प्यार के लिए कुछ भी कर सकता है। वह एक अनजान लड़की से इतना प्यार करती है कि उसके लिए कुछ भी सह सकती है। उस मासूम बच्चे के लिए इशिता ने एक भ्रष्ट तलाकशुदा आदमी से शादी की और फिर हर परिस्थिति में खुद को ढाला। शो में इशिता भल्ला को त्याग और अच्छाई की प्रतिमूर्ति के रूप में दिखाया गया।
सास के ताने, पति की बेवफाई, बच्चों का दुर्व्यवहार और समाज के कठोर सवाल, अनुपमा ने सब कुछ सहा है। इसके बावजूद वह अपना स्वाभिमान नहीं भूली। अपने अधिकारों और आत्मसम्मान की लड़ाई में वह घर, पति, बच्चे और सभी सुख-सुविधाएं छोड़कर एक नई जिंदगी शुरू करती है। अनुपमा अपने पैरों पर खड़ी होती है और सफलता की सीढ़ियाँ भी चढ़ती है। साथ ही, अनुपमा की खासियत यह थी कि वह जिस तरह से जवाब देती हैं, वह हर महिला को प्रेरित करता है।
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में दया भाभी आज तक गायब हैं और प्रशंसक सालों बाद भी उनकी वापसी की मांग कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि दया भाई शो और दर्शकों के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। वह अपने आप में खुश रहती है, किसी के प्रति उसके मन में कोई छल-कपट नहीं होता। दया को एक आदर्श बहू, आदर्श पत्नी, आदर्श मां और एक अच्छे इंसान के रूप में देखा गया है। उनकी भोली-भाली और मानवीयता ने सभी के दिलों को छू लिया।
जब बात टीवी की बहुओं की आती है तो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की तुलसी विरानी का जिक्र जरूर होता है। दरअसल, बहुओं को प्रचार उन्हीं से मिला है। एक गरीब लड़की से लेकर दबंग महिला तक का सफर तय करके तुलसी विरानी ने कई सालों तक लोगों का मनोरंजन किया है। चाहे समाज हो या घर, तुलसी विरानी बुराई के सामने अडिग रहीं। पापियों की तुलसी ने उन्हें मृत्यु के कगार पर पहुंचा दिया है।