लालकिले पर मोदी का भाषण और राहुल गाँधी बैठे पीछे कांग्रेस भाजपा आमने सामने

लालकिले पर मोदी का भाषण और राहुल गाँधी बैठे पीछे कांग्रेस भाजपा आमने सामने

Aug 16, 2024 - 08:07
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लालकिले पर मोदी का भाषण और राहुल गाँधी बैठे पीछे कांग्रेस भाजपा आमने सामने
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देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है लेकिन दूसरी ओर इस दिन भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में विकसित भारत बनाने का आहवान किया लेकिन लाल किले पर सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर सियासी संग्राम शुरू हो गया। दरअसल लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए जो सीट रिजर्व की गई थी उसको लेकर कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाना पड़ा है।

जिसके बाद सरकार और बीजेपी की ओर जो जवाब आया, लेकिन यह जवाब अपने आपने कई सवाल उठाता है। कांग्रेस की नाराजगी पर सरकार की ओर से पहले ये कहा गया कि राहुल गांधी अपनी मर्जी से पांचवीं पंक्ति में जाकर बैठ गए जबकि बाद में बीजेपी के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बयान दिया कि ओलंपियंस को सम्मान देने के लिए राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठने की जगह दी गई थी. पूरा मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है।

 सवाल ये उठ रहा है कि नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी जिस सीट पर बैठे, उसको लेकर एक जैसा जवाब क्यों नहीं सामने आ रहा है? सरकार कुछ कह रही है और बीजेपी नेता कुछ और. वहीं कांग्रेस ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है। पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर अपने बयान का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी की कड़ी आचोलना की. उन्होंने इसे नेता प्रतिपक्ष के साथ गलत मंशा से किया गया राजनीतिक व्यवहार करार दिया है।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री के समान होता है. सरकार के गृहमंत्री, रक्षा मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे लेकिन राहुल गांधी को 5वीं पंक्ति में बैठाया गया। उन्होंने कहा कि केवल राहुल गांधी को ही नहीं 5वीं पंक्ति में नहीं बैठाया गया बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए भी 5वीं पंक्ति में सीट बुक की गई थी, हालांकि वो नहीं आ सके। कांग्रेस पार्टी की ओर से इस मामले को जोर शोर से उठाया जा रहा है. कांग्रेस ने पूरे मामले को राहुल गांधी के अपमान से जोड़ा है।

कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी के साथ यह व्यवहार ठीक नहीं। हालांकि सुप्रिया श्रीनेत ने ये भी कहा कि इससे राहुल गांधी को कोई फर्क नहीं पड़ता. वह सत्ता के सामने सच बोलने वाले नेता हैं. आम लोगों के मुद्दों पर सवाल उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा करके सत्ताधारी को असहज कर देते हैं। राहुल गांधी 50वीं पंक्ति में बैठें या 5वीं पंक्ति में, इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस ने प्रतिक्रिया स्वरूप रक्षा मंत्रालय के उस जवाब पर निशाना साधा जिसमें ओलंपियनों का सम्मान करने की बात कही गई थी।

 सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ओलंपियनों का जरूर सम्मान किया जाना चाहिए, विनेश फोगाट का भी सम्मान होना चाहिए. लेकिन क्या पहली पंक्ति में बैठे मंत्रियों को उन ओलंपियनों का सम्मान नहीं करना चाहिए? उन्होंने कहा कि इस जवाब से बीजेपी की ही पोल खुल कर सामने आ रही है। पूरे मामले पर सरकार की ओर से पहले आई त्वरित प्रतिक्रिया में ये कहा गया था कि राहुल गांधी के लिए पहली पंक्ति में सीट बुक की गई थी लेकिन वो अपनी मर्जी से 5वीं पंक्ति में जाकर बैठे।

सरकार ने ये तर्क दिया था कि राहुल गांधी ने सिक्योरिटी स्टाफ से इच्छा जताई थी कि वो आम लोगों के साथ बैठना चाहेंगे. सरकार के जवाब के मुताबिक राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि यहां मौजूद नेताओं के साथ तो मैं सदन में भी बैठता हूं। लेकिन इसके बाद पूरे मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने अलग बयान दिया कि ओलंपियनों के सम्मान से कांग्रेस परेशान क्यों है?

उन्होंने कहा कि ओलम्पियन्स ने देश का मान बढ़ाया है और आज इस पावन मौके पर वे उनके आगे बैठ भी गए तो इससे राहुल गांधी को और कांग्रेस पार्टी को दिक्कत क्या है? उन्होंने कांग्रेस को जवाब दिया कि इस दौरान कई मंत्री भी पीछे बैठे थे. लेकिन देश के गृहमंत्री और रक्षा मंत्री तो आगे ही बैठेंगे। आरपी सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को तो खुश होना चाहिए कि देश के लिए पदक जीतने वाले आज उनसे आगे बैठे थे. और कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. कम से कम ओलंपिक विजेताओं के नाम पर तो इस किस्म की राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।