सफाई कर्मी लापता,सामुदायिक शौंचालयों में लटक रहे ताले,कैसे निकल रहा सफाईकर्मियों का मानदेय
सफाई कर्मी लापता,सामुदायिक शौंचालयों में लटक रहे ताले,कैसे निकल रहा मानदेय
स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रही शमशाबाद नगर पंचायत
एक तरफ जहां सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन पर लगातार करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं शमशाबाद नगर पंचायत द्वारा कागजों में ही स्वच्छता अभियान पूरा किया जा रहा है जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर अधिशासी अधिकारी ब नगर पंचायत के बाबू भी शामिल नजर आ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शमशाबाद नगर पंचायत के अंतर्गत बने कई सामुदायिक शौचालयों में ताला लटक रहा है ब धूल फांक रहे हैं, इसका जीता जागता उदाहरण नगर पंचायत के मोहल्ला सिकंदरपुर महमूद में देखने को मिला जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ताला लटक रहा है और शौचालय के अंदर धूल ही धूल नजर आ रही है यहां तैनात कोई भी सफाई कर्मी नजर नहीं आया।
सामुदायिक शौचालय के इर्द-गिर्द कुछ लोग बैठे दिखाई दिए तो उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि ना तो उन्होंने आज तक सफाई कर्मियों को देखा है और ना ही आज तक सामुदायिक शौचालय के ताले खुले हैं, दूसरा मोहल्ला पलिया में बने सामुदायिक शौंचालय में ताला लटक रहा है और सफाई कर्मी का कोई भी अता पता नहीं है जब वहां के लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने भी बताया कि न तो उन्होंने आज तक सफाई कर्मी को देखा है और ना ही इस शौचालय के ताले खुले हैं और ना ही इसके अंदर कोई साफ सफाई है फर्श और दीवारों पर धूल जमी हुई है।
तीसरा मोहल्ला इमादपुर थमरई में बने सामुदायिक शौंचालय ताला लटक रहा है और यहां भी कोई सफाई कर्मी नजर नहीं आया, इस संबंध में जब वहां के लोगों से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें आज तक यही नहीं मालूम है कि उनके यहां सामुदायिक शौचालय पर किसकी तैनाती है और ना ही कोई सफाई कर्मी आज तक उन्होंने देखा है शौचालय के इर्द-गिर्द बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी है और साफ सफाई की कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है,आप सबसे बड़ी बात यह है कि अगर इन सामुदायिक शौचायलयों पर सफाई कर्मियों की नियुक्ति है तो शहर वासियों को आज तक नजर क्यों नहीं आए।
यदि सफाई कर्मी आते हैं तो शौंचालायों के ताले क्यों नहीं खुले,शौंचालयों के अंदर धूल कैसे जमा हुई,अगर सफाई कर्मी ड्यूटी नहीं आ रहे हैं तो उन्हें हटा कर दूसरे सफाई कर्मी तैनात क्यों नहीं किए गए,हर महीने कैसे निकल रहा मानदेय,यह सारे सवाल कहीं न कहीं नगर पंचायत में हो रहे घोटाले की ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं,जिसमें नगर पंचायत के बाबू पवन कुमार से लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष जोया शाह अधिशाषी अधिकारी राजीव कुमार तक शामिल होने का अंदेशा हैं।
स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रही शमशाबाद नगर पंचायत,
एक तरफ जहां सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन पर लगातार करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं शमशाबाद नगर पंचायत द्वारा कागजों में ही स्वच्छता अभियान पूरा किया जा रहा है जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर अधिशासी अधिकारी ब नगर पंचायत के बाबू भी शामिल नजर आ रहे हैं, जानकारी के अनुसार शमशाबाद नगर पंचायत के अंतर्गत बने कई सामुदायिक शौचालयों में ताला लटक रहा है ब धूल फांक रहे हैं, इसका जीता जागता उदाहरण नगर पंचायत के मोहल्ला सिकंदरपुर महमूद में देखने को मिला जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ताला लटक रहा है और शौचालय के अंदर धूल ही धूल नजर आ रही है।
यहां तैनात कोई भी सफाई कर्मी नजर नहीं आया,सामुदायिक शौचालय के इर्द-गिर्द कुछ लोग बैठे दिखाई दिए तो उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि ना तो उन्होंने आज तक सफाई कर्मियों को देखा है और ना ही आज तक सामुदायिक शौचालय के ताले खुले हैं, दूसरा मोहल्ला पलिया में बने सामुदायिक शौंचालय में ताला लटक रहा है और सफाई कर्मी का कोई भी अता पता नहीं है जब वहां के लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने भी बताया कि न तो उन्होंने आज तक सफाई कर्मी को देखा है और ना ही इस शौचालय के ताले खुले हैं और ना ही इसके अंदर कोई साफ सफाई है फर्श और दीवारों पर धूल जमी हुई है,तीसरा मोहल्ला इमादपुर थमरई में बने सामुदायिक शौंचालय ताला लटक रहा है और यहां भी कोई सफाई कर्मी नजर नहीं आया।
इस संबंध में जब वहां के लोगों से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें आज तक यही नहीं मालूम है कि उनके यहां सामुदायिक शौचालय पर किसकी तैनाती है और ना ही कोई सफाई कर्मी आज तक उन्होंने देखा है शौचालय के इर्द-गिर्द बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी है और साफ सफाई की कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है,आप सबसे बड़ी बात यह है कि अगर इन सामुदायिक शौचायलयों पर सफाई कर्मियों की नियुक्ति है तो शहर वासियों को आज तक नजर क्यों नहीं आए,यदि सफाई कर्मी आते हैं तो शौंचालायों के ताले क्यों नहीं खुले,शौंचालयों के अंदर धूल कैसे जमा हुई,अगर सफाई कर्मी ड्यूटी नहीं आ रहे हैं तो उन्हें हटा कर दूसरे सफाई कर्मी तैनात क्यों नहीं किए गए,हर महीने कैसे निकल रहा मानदेय,यह सारे सवाल कहीं न कहीं नगर पंचायत में हो रहे घोटाले की ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं,जिसमें नगर पंचायत के बाबू पवन कुमार से लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष जोया शाह अधिशाषी अधिकारी राजीव कुमार तक शामिल होने का अंदेशा हैं।