नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) तृतीय दिवस -
नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) तृतीय दिवस -
ऋद्धि ,सिद्धि ,शक्ति ,
शान्ति सम्पन्न ,
अद्भुत स्वरूपा भुवाल माता के आलोकिक,
अद्वितीय आभामण्डल में अन्नत
असीम ऊर्जा का स्तोत्र
भरा हुआ है । यह ऐसी
ऊर्जा है जो हम सबको सुखद
आनन्दाभूति प्रदान करती है ।
यह एक ऐसी सतत ज्योति है जिसमें भाव से तल्लीन रहने की आग कभी भी बुझ नहीं पाती है । भीतर में जागृत रहने से माता का दिव्य प्रकाश आत्मा के आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध हो सकेगा । आत्मा प्राप्य हो जाएगी । प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )