बाढ़ में टूटी सड़के गन्ना के वाहन के आवाजाही में दिक्कत, किसान बेबस होकर अपना गन्ना बेचने को मजबूर

Nov 11, 2025 - 18:57
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बाढ़ में टूटी सड़के गन्ना के वाहन के आवाजाही में दिक्कत, किसान बेबस होकर अपना गन्ना बेचने को मजबूर

बाढ़ में टूटी सड़के गन्ना के वाहन के आवाजाही में दिक्कत, किसान बेबस होकर अपना गन्ना बेचने को मजबूर

कायमगंज/फर्रुखाबाद । कायमगंज की किसान सहकारी चीनी मिल का पेराई सत्र जल्द शुरू होने वाला है। हालांकि, गंगा में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को अभी तक ठीक नहीं किया गया है। इस कारण तराई क्षेत्र से मिल को गन्ना मिलने की संभावना कम दिख रही है। कम्पिल तराई क्षेत्र के गांव रायपुर चिनहटपुर में कपिल-बदायूं मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। पानी कम होने के बाद एक समाजसेवी ने मिट्टी की बोरियां डलवाकर इसे पैदल और दुपहिया वाहनों के लिए अस्थायी रूप से आवागमन योग्य बनाया है। मुख्य मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण वाहन अब ग्रामीणों के खाली पड़े खेतों से होकर गुजर रहे हैं।

2. किसानों की चिंता (Farmers' Concern) तराई क्षेत्र के गन्ना उत्पादक गांवों जैसे कारवा, पुनथर, शाहपुर गंगपुर, एकलहरा, शेखपुर, पत्थरमई और बौरा के किसानों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। सहदेव, अनिल, सुनील, नेकराम, नेत्रपाल, जबरसिंग, विनोद, राजपाल, जोगेंद्र, रघुनंदन और वीरेश जैसे किसानों ने बताया कि सड़क खराब होने के कारण गन्ने को कायमगंज चीनी मिल तक पहुंचाना असंभव है। ट्रैक्टर वाले मिल तक गन्ना पहुंचाने के लिए 6 हजार रुपया भाड़ा मांग रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसान अपना गन्ना बदायूं क्षेत्र की मिलों को बेचने के लिए मजबूर होंगे। किसानों ने बताया कि कुछ दिन पहले रूकापुर चीनी मिल के अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की थी, लेकिन किसान रूकापुर को गन्ना देने के लिए राजी नहीं थे। 3. मिल प्रशासन की प्रतिक्रिया (Mill Administration's Response) अब सड़क की समस्या के कारण उन्हें बदायूं क्षेत्र में गन्ना ले जाने के लिए विवश होना पड़ेगा। मिल प्रशासन भी इस सड़क की स्थिति को लेकर काफी चिंतित है।

महाप्रबंधक शादाब असलम ने बताया कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग से बातचीत की है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि वाहनों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए गड्ढों को भरकर जल्द ही अस्थायी व्यवस्था की जाएगी। मिल प्रशासन का कहना है कि यदि मार्ग जल्द दुरुस्त नहीं किए गए तो पेराई सत्र के दौरान गन्ने की समय पर आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे मिल के संचालन में बाधा आ सकती है।