Etah News : कृषकों को संतुलित उर्वरक उपयोग करने की अपील, अनावश्यक भंडारण से बचें – जिला कृषि अधिकारी

Sep 1, 2025 - 20:42
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Etah News : कृषकों को संतुलित उर्वरक उपयोग करने की अपील, अनावश्यक भंडारण से बचें – जिला कृषि अधिकारी

कृषकों को संतुलित उर्वरक उपयोग करने की अपील, अनावश्यक भंडारण से बचें – जिला कृषि अधिकारी

एटा। जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के समस्त कृषकों से अनुरोध किया है कि वे रबी सत्र में फसलों की बुवाई करते समय एन०पी०के० एवं एस०एस०पी० जैसे उर्वरकों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें तथा किसी भी प्रकार के उर्वरकों का अनावश्यक भंडारण न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि उर्वरकों का संतुलित उपयोग न केवल फसल की पैदावार को बढ़ाता है, बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बनाए रखता है।

अधिकारी ने विभिन्न फसलों के लिए उर्वरकों की अनुशंसित मात्रा साझा करते हुए कहा कि जैसे – * **आलू** में NPK (170:80:100), यूरिया 5 बैग/हे., डीएपी 5, एमओपी 3 बैग/हे. * **गेहूं** में NPK (150:60:40), यूरिया 4, डीएपी 3, एमओपी 2 बैग/हे. * **सरसों** में NPK (120:60:60), यूरिया 5, डीएपी 3, एमओपी 1 बैग/हे. * **चना, मसूर, जौ, टमाटर, प्याज-लहसुन, मटर, गोभी आदि** के लिए भी विशेष मात्रा निर्धारित की गई है।

उन्होंने किसानों को विशेष रूप से एस०एस०पी० (Single Super Phosphate) के प्रयोग को बढ़ाने का सुझाव दिया, जिससे फसलों को फास्फोरस के साथ-साथ **सल्फर** जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी प्राप्त हों। जिला कृषि विभाग के अनुसार, जनपद में इस समय उपलब्ध उर्वरकों की मात्रा इस प्रकार है: * **यूरिया** – 10810.42 मीट्रिक टन * **डीएपी** – 8215.72 मीट्रिक टन * **एनपीके** – 3377.56 मीट्रिक टन * **एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश)** – 6090.50 मीट्रिक टन विभाग ने स्पष्ट किया कि उर्वरकों की कोई कमी नहीं है, और लगातार रैक के माध्यम से आपूर्ति हो रही है। कृषि अधिकारी ने सभी थोक एवं फुटकर विक्रेताओं और सहकारी समितियों के सचिवों को निर्देशित किया है कि वे **किसानों की खतौनी/जोत बही देखकर**, उनकी फसल और भूमि के अनुसार ही **POS मशीन के माध्यम से आधार कार्ड पर** उर्वरकों की बिक्री करें।

साथ ही, **अन्य जनपदों के कृषकों को उर्वरक की बिक्री प्रतिबंधित** की गई है। यदि कोई विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक पर उर्वरक बेचता पाया गया, तो उसके विरुद्ध **उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985** एवं **आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955** के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने अंत में किसानों से अपील की कि वे आवश्यकता अनुसार ही उर्वरकों की खरीद करें और संतुलित उर्वरक उपयोग कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखें।