50 हजार वसूली की डीआईजी से शिकायत, बैठी जांच

Oct 28, 2025 - 10:01
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50 हजार वसूली की डीआईजी से शिकायत, बैठी जांच

50 हजार वसूली की डीआईजी से शिकायत, बैठी जांच

डीआईजी के आदेश पर एएसपी राजकुमार ने शुरू की जांच एएसपी ने जैथरा पहुंचकर शिकायतकर्ता और गवाह के दर्ज किए बयान

एटा। एक शिकायत पर जैथरा पुलिस ने डेयरी संचालक को उठाकर हवालात में डाल दिया। 50 हजार की डील में संचालक को छोड़ दिया। पीड़ित डेयरी सचालक ने मामले की शिकायत डीआईजी अलीगढ़ प्रभाकर चौधरी से की। डीआईजी ने प्रकरण की जांच एएसपी को सौंपी है। एएसपी ने जांच शुरू कर दी है। डीआईजी के सख्त तेवरों के देख पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई है। जबरन वसूली में थाने के चार पुलिसकर्मियों की गर्दनें फंस रही हैं। जैथरा थानाक्षेत्र के ग्राम हनुमंता निवासी पिंकेश चौहान ने अलीगढ़ पहुंचकर डीआईजी प्रभाकर चौधरी से पुलिस द्वारा दवाब बनाकर जबरन की गई वसूली की शिकायत की। उसने डीआईजी को बताया कि पड़ोसी गांव निवासी एक व्यक्ति ने 7 अक्टूबर को लड़की से यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाते हुए जैथरा पुलिस से शिकायत की। थाने के पुलिसकर्मी ढीपा मार्ग पर संचालित उसकी डेयरी पर पहुंचे और बिना जांच पड़ताल के गाली- गलौज करते हुए उसे जबरन उठाकर उठा लाए और थाने लाकर हवालात में बंद कर दिया, जबकि उसके विरुद्ध कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं था।

पुलिस ने सिर्फ शिकायती पत्र के आधार पर उसको पकड़ा था। मामला झूठा होने के बाद भी पुलिस ने उसे नहीं छोड़ा। डेयरी संचालक ने डीआईजी को बताया कि लड़की का पिता उसकी डेयरी पर दूध बेचने आता था । कथित घटना दिनांक को लड़की के पिता से रुपये लेन-देन को लेकर सिर्फ कहासुनी हुई थी। इसी विवाद के कारण लडक़ी के यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। जांच में झूठा मामला पाए जाने के बाद भी पुलिस ने उसे नहीं छोड़ा। थाने से छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग की गई। रूपये न देने पर कार्रवाई की धमकी दी गई। थाने के सामने एक चाय की दुकान पर 50 हजार रूपये मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ा। पीड़ित ने डीआईजी को यह भी बताया कि उसके ऊपर लगाए गए आरोप इतने घिनौने हैं, जिसकी वजह से कई बार उसका आत्महत्या करने का मन करता है। इन आरोपों को लेकर उसके परिजन भी परेशान हैं। वह अपनी ग्राम पंचायत से प्रधान पद के उम्मीदवार के तौर पर अपनी तैयारी कर रहा है। उसका बड़ी साजिश के तहत मानसिक, आर्थिक और सामाजिक शोषण किया गया है। डीआईजी प्रभाकर चौधरी ने मामले को गंभीरता से लिया और फोन से ही एएसपी राजकुमार सिंह को मौके पर पहुंचकर जांच करने के आदेश दिए। डीआईजी के आदेश पर एएसपी बीते दिवस जैथरा थाना पहुंचे और पीड़ित तथा रूपये देने वाले उसके सहयोगी के बयान दर्ज किए। पीड़ित ने थाने के सीसीटीवी कैमरा चेक कराने का भी अनुरोध किया था। डीआईजी के सख्त रुख के बाद पुलिसकर्मियों में खलबली मची है।

★ थाने के सीसीटीवी कैमरे हुए खराब!

एटा: डीआईजी के आदेश पर जब एएसपी राजकुमार सिंह मामले की स्थलीय जांच करने जैथरा थाना पहुंचे, तो उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज तलाशी। सूत्रों के अनुसार, एएसपी को बताया गया कि थाने के कैमरे खराब हैं। डेयरी संचालक को थाने लाने की दिनांक से कैमरे खराब बताए गए। जबकि सुप्रीम कोर्ट और शासन स्तर से सीसीटीवी कैमरे नियमित सुचारू रखने और उनका एक वर्ष तक रिकॉर्ड संरक्षित रखने का आदेश है। सीसीटीवी कैमरा खराब होने की कहानी अधिकारियों के गले नहीं उतर रही है।

★ पड़ा दवाब, बदले बयान-रूपये किसे दिए, नहीं है ध्यान

एटा: डेयरी संचालक ने डीआईजी के समक्ष अपने साथ हुई घटना बिना किसी डर और दवाब के बयां कर दी, लेकिन इस शिकायत की कहानी जैथरा पहुंचते-पहुंचते दवाब में बदल गई। एएसपी के जांच करने से पूर्व ही जैथरा थाने की पुलिस मामले को मैनेज करने में जुट गई। आनन-फानन में उन दलालों से संपर्क किया, जिनके माध्यम से डेयरी संचालक को छुड़ाने की डील हुई थी। पुलिस-दलाल गठजोड़ अधिकारी की जांच से भी तेज सक्रिय हुआ और मामले की दिशा बदलने में कामयाब हो गया। इस गठजोड़ ने डीआईजी की मंशा पर पानी फेर दिया। सूत्रों के अनुसार, संलिप्त पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता और उसके सहयोगी पर काफी दवाब डलवा कर मामला अपने पक्ष में करा लिया। जांच अधिकारी को दिए बयान में शिकायतकर्ता के सहयोगी ने बताया कि उससे रूपये सादा कपड़े पहने कोई एक व्यक्ति ले गया था, जिसे वह नहीं जानता है। इतनी बड़ी रकम किसी अनजान को देने की कहानी पुलिस के डर को बयां कर रही है। चर्चा है कि जैथरा में पुलिस-दलाल गठजोड़ खूब पनप रहा है, जो अवैध वसूली को बढ़ावा दे रहा है। चर्चा है कि अधिकारी तथ्यों पर जांच की अपेक्षा उसे मैनेज करने की अप्रत्यक्ष रूप से अनुमति देते रहे।

चाय की दुकान बनी दलाली का अड्डा

एटा: जैथरा पुलिस की दलाली का अड्डा चाय की दुकान बनी हुई है। डेयरी संचालक ने भी रूपये देने का स्थान चाय की दुकान को बताया है। यह चाय की दुकान थाने के पास है। सूत्रों के अनुसार इस दुकान पर बड़े से बड़े मामलों की डील होती है। पुलिसकर्मी चाय के बहाने इस दुकान पर पहुंचकर मामलों का सौदा करते हैं। यह दुकान पुलिस और दलाल गठजोड़ का केंद्रबिंदु है। इस दुकान पर सुबह से शाम तक दरोगा और सिपाहियों का जमावाड़ा लगा रहता है।