Kasganj news पटियाली विधानसभा के बाढ़ प्रभावित गांवों की आवाज बुलंद करेंगे – अब्दुल हफीज गांधी
पटियाली विधानसभा के बाढ़ प्रभावित गांवों की आवाज बुलंद करेंगे – अब्दुल हफीज गांधी अब्दुल हफीज गांधी ने मूंज खेड़ा में किया रात्रि प्रवास पटियाली: पटियाली विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांव इन दिनों भयंकर बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। 20 अगस्त 2025 की रात को मैंने ग्राम मूंजखेड़ा में रात्रि प्रवास किया और ग्रामवासियों से सीधा संवाद किया। लोगों ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी और प्राथमिक मांग है कि नगला हंसी से लेकर राजेपुर कुर्रा तक 5 किलोमीटर लंबा बांध तत्काल बनाया जाए। यदि यह बांध बन जाता है तो आने वाले वर्षों में मूंजखेड़ा के आसपास के लगभग 25 गांव बाढ़ से सुरक्षित हो सकते हैं। आज भी यही बांध न बनने की वजह से ये गांव हर साल तबाही का सामना करते हैं। ग्रामवासियों ने जिन प्रभावित गांवों का ज़िक्र किया, उनमें प्रमुख हैं – नगला हंसी, नगला मूंजखेड़ा, नगला नरपत, नगला शीशम, नगला दुर्जन, नगला दिपी, नगला जयकिशन, नगला खन्ना, नगला नैनसुख, नगला जयली, नगला चतुरी, राजेपुर कुर्रा, नकारा, बकेनियां, नगला गुलाबी, गढ़िया, करसारी, सनोढ़ी, दरका, कायमपुर, नरदौली, अलोखर आदि। इन गांवों की पुकार को अनसुना नहीं किया जा सकता। हमारी प्रमुख मांगे: 1. नगला हंसी से राजेपुर कुर्रा तक 5 किलोमीटर लंबा बांध तत्काल बनाया जाए। 2. रामताल से हिम्मतनगर बझेरा तक बांध का निर्माण किया जाए। 3. शहबाजपुर से कादरगंज पुल तक बांध का निर्माण कराया जाए। 4. किसानों की बाढ़ में बर्बाद हुई फसलों का उचित मुआवजा दिया जाए। 5. किसानों के KCC लोन तत्काल माफ किए जाएं। 6. किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाएं। 7. जिन लोगों के मकान बाढ़ में ढह गए हैं या जिनके पास केवल कच्चे मकान/झोपड़ी है, उन्हें सरकार द्वारा आवास उपलब्ध कराया जाए। 8. गांवों में चल रहे स्टीमर को तब तक पेट्रोल उपलब्ध कराया जाए जब तक पानी पूरी तरह से सूख न जाए, ताकि लोग अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए सुरक्षित स्थानों तक आ-जा सकें। 9. जो पुलिया पिछले 3 सालों से कट गई हैं उन पुलियों का निर्माण कराया जाए। उदाहरण के तौर पर नगला जयकिशन, मूंज खेड़ा और गंगा पार रामताल रोड पर पिछले 3 साल से पुलिया कटी पड़ी है। 10. कुछ जगह सड़कों पर नई पुलियों की जरूरत है उन पुलियों का नव निर्माण कराया जाए। 11. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जहां पर सड़कें गंगा कटान और बाढ़ की वजह से कट गई हैं उन सड़कों को तत्काल प्रभाव से बनाया जाए। मैंने गांववासियों के दुख-दर्द को नज़दीक से देखा और महसूस किया। बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, महिलाएं पीने का पानी और रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए जद्दोजहद कर रही हैं, किसान अपनी फसलें बर्बाद होते देख रो रहे हैं और हर परिवार असुरक्षा के माहौल में जी रहा है। यह केवल प्राकृतिक आपदा नहीं है बल्कि सरकारी उदासीनता की भी मार है। मैं ज़िला प्रशासन और राज्य सरकार से अपील करता हूं कि पटियाली विधानसभा क्षेत्र की इन ज्वलंत समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। यह केवल राहत बांटने का मामला नहीं है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने का सवाल है। इस रात्रि प्रवास में मेरे साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख रूप से सौरभ यादव, रमनेश कुमार, मौजीराम, उर्वेश यादव, रामनरेश, बृजेश कुमार, जबर सिंह, सत्य प्रकाश, पप्पू, सुभाष कुमार, वीरपाल यादव, नीरज, ओंकार सिंह, घनश्याम, देवेंद्र, योगेंद्र कुमार, राजेंद्र यादव, टीकाराम, रामनिवास, हरिशरण, भूपेंद्र सिंह, गिरीश, प्रमोद कुमार, राकेश यादव, सुखवीर, विनोद, धरमवीर आदि शामिल थे। सुबह उठकर मूंज खेड़ा से नगला दुर्जन और नगला खना का दौरा कर ग्राम वासियों की समस्याएं सुनी। यह लड़ाई केवल पटियाली तहसील की नहीं बल्कि हर उस किसान, हर उस मज़दूर और हर उस परिवार की है जो हर साल बाढ़ की मार झेलता है। मैं अपने लोगों के साथ हूं और उनकी आवाज़ बनकर हर स्तर पर संघर्ष करूंगा।





