छज्जा गिरने से घायल पांच बच्चों की हालत गंभीर, प्रशासन ने दिए जांच व सहायता के निर्देश

Aug 4, 2025 - 20:48
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छज्जा गिरने से घायल पांच बच्चों की हालत गंभीर, प्रशासन ने दिए जांच व सहायता के निर्देश

छज्जा गिरने से घायल पांच बच्चों की हालत गंभीर, प्रशासन ने दिए जांच व सहायता के निर्देश

अमृतपुर /फर्रुखाबाद। सुबह अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव हुसैनपुर हडाई में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। एक कच्चे मकान का छज्जा अचानक गिरने से एक ही परिवार के पांच मासूम बच्चे मलबे में दबकर घायल हो गए। सभी बच्चों की उम्र 6 से 12 वर्ष के बीच है।स्थानीय निवासी धनपाल, महीपाल और रघुपाल के परिवार के ये बच्चे सुबह घर के बाहर खड़े होकर सरकारी स्कूल अलाहदपुर भटौली जाने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक छज्जा गिर गया।

तेज आवाज और चीख-पुकार सुनकर मौके पर दौड़े ग्रामीणों ने तत्काल मलबा हटाया और बच्चों को बाहर निकाला।घायलों में आराध्या (7 वर्ष) पुत्री धनपाल,कुशल (6 वर्ष) पुत्र धनपालपालकी (12 वर्ष) पुत्री महीपाल,शाशि (10 वर्ष) पुत्री रघुपाल आदि शामिल हैं।(पांचवे घायल का नाम समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो सका। घायलों को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमृतपुर, फिर सीएचसी राजेपुर लाया गया। वहां से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल फर्रुखाबाद रेफर कर दिया गया।सीएचसी राजेपुर के डॉ. प्रमीत राजपूत ने बताया कि सभी बच्चों को सिर, पीठ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। कुछ बच्चों को सीटी स्कैन और विशेष निगरानी में रखा गया है।घटना की सूचना मिलते ही डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी और एसपी आरती सिंह तत्काल जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना।

अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को सभी घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। साथ ही, तहसील प्रशासन को गांव पहुंचकर मकान के मलबे की जांच, राहत मुआवजे और मकान की स्थिति का मूल्यांकन करने के निर्देश भी दिए।ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई और पुराने मकान जर्जर हालत में हैं। उन्होंने प्रशासन से सर्वे कराकर जर्जर मकानों को चिन्हित कर मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिए योजना बनाने की मांग की है।प्रधान प्रतिनिधि ने बच्चों के इलाज में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।फिलहाल सभी बच्चे लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में हैं। हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों की सुरक्षा, स्कूल जाते बच्चों की निगरानी, और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। > प्रशासनिक अधिकारियों ने इस घटना को गंभीर मानते हुए सभी तहसीलों को निर्देश दिए हैं कि बरसात के मौसम में जर्जर भवनों की सूची तैयार की जाए और जरूरतमंदों को तत्काल लाभकारी योजनाओं से जोड़ा जाए।