आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए जिला आयुष समिति की बैठक सम्पन्न

Jul 29, 2025 - 20:14
 0  1
आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए जिला आयुष समिति की बैठक सम्पन्न

आयुर्वेदिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए जिला आयुष समिति की बैठक सम्पन्न

अलीगढ़ । जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में जिला आयुष समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ0 नरेंद्र कुमार सिंह द्वारा जिले में आयुष सेवाओं की वर्तमान स्थिति और भावी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने निर्देशित किया कि योग व आयुर्वेद को जनसामान्य के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए नियमित स्वास्थ्य शिविर, औषधीय पौधों की प्रदर्शनी, पार्कों में योग अभ्यास और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्राकृतिक व वैज्ञानिक पद्धति का लाभ उठा सकें।

डॉ0 नरेंद्र कुमार सिंह ने अवगत कराया कि वर्तमान में 28 चिकित्सालयों के सापेक्ष 23 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। चार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर एवं दो योग वेलनेस सेंटर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। जिले में 23 आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के अतिरिक्त तीन यूनानी चिकित्सालय एवं 15 होम्योपैथिक चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं, जो आयुष चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुँचाने में योगदान दे रहे हैं। डॉ0 नरेंद्र कुमार ने बताया कि जून माह के दौरान लगभग 18,000 मरीजों का उपचार किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग परंपरागत चिकित्सा पद्धति की ओर भरोसे के साथ बढ़ रहे हैं। औसतन एक दिन में प्रत्येक चिकित्सालय में 50 से 70 रोगियों की ओपीडी संचालित हो रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि आयुष औषधियों की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति की जानकारी ली, जिस पर बताया गया कि यूपीपीसीएल के माध्यम से 30 लाख की लागत से सांकरा, नगला पदम, गोधा एवं बरला में चार नए आयुष स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, दो में 55 प्रतिशत, गोधा में 33 प्रतिशत और बरला में 15 प्रतिशत कार्य पूर्ण भी हो गया है।

इसके अतिरिक्त 50 शैय्या युक्त एकीकृत आयुष चिकित्सालय की स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है, प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। डॉ0 नरेंद्र ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा जिले में संचालित सेवाएं जनहित में आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा दे रही हैं। शासन की मंशा के अनुरूप जिले में आयुष चिकित्सा को और अधिक सशक्त व प्रभावी बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं।