सामायिक दिवस

Sep 14, 2023 - 08:31
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सामायिक दिवस
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सामायिक दिवस

सामायिक का मतलब ही है अकुशल मन का निरोध और कुशल मन का प्रवर्त्तन , अकुशल वाणी का निरोध और कुशल वाणी का प्रवर्त्तन तथा अकुशल काया की प्रवृति का निरोध और कुशल काया की प्रवृति का प्रवर्त्तन ।

निरोध उसका किया जाता है , जो हमारे लिए हानिकारक है । अतीत का हमारे पास जो भंडार जमा है , उसमें सब लाभदायक ही नहीं है , हानि पहुँचाने वाले तत्व भी बहुत है । हमारे द्वारा अतीत में ऐसे बहुत से कार्य हुए , जो मानवोचित नहीं कहे जा सकते । उनका हमें वर्तमान में निरोध करना हैं और शुभ संकल्प के साथ सत्प्रवृत्ति में स्वयं को नियोजित करना है ।

स्थूल शरीर पर भारी बोझ लाद दिया जाए तो उसकी अनुभूति तो होती है , लेकिन स्थूल शरीर कर्मों के भार का अनुभव नहीं करता । सामायिक एक चिकित्सा है आदतों को बदलने की , मानसिक बीमारियों को मिटाने की और भावशुद्धि के उपक्रम की । पहले अतीत का शोधन करो , अकुशल मन का निरोध करो , यही है सामायिक का संदेश ।

सामायिक का अड़तालीस मिनट का प्रयोग वर्तमान में जीने का एक अच्छा प्रयोग है । इस प्रयोग को हम बराबर दोहराते रहे तो जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन शुरू हो जाएगा । वर्तमान से कटकर जीने का मतलब होगा समस्या - संकुल जीवन ।

जैन धर्म अध्यात्मपरक धर्म है । यहाँ भौतिक आकर्षण में बंधने की और चमत्कार को भी यहाँ कोई महत्व नहीं मिला है । महत्व मिला है केवल शुद्ध धर्म को । जो धर्म हमारे अतीत का शोधन करे , वर्तमान को सुधारे और भविष्य की सुदृढ़ नींव लगाए , वह धर्म अध्यात्म धर्म है और वही हमें काम्य है । प्रदीप छाजेड़ ( बोंरावड़ )