अहले बैत से मुहब्बत तमाम गुमराही से बचाती है: नायब सज्जादा नशीन

अहले बैत से मुहब्बत तमाम गुमराही से बचाती है: नायब सज्जादा नशीन
फतेहगढ़ /फर्रुखाबाद। फतेहगढ़ शहर की ऐतिहासिक गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल लोको रोड स्थित *दरगाह हजरत मखदूम शाह सय्यद शाहबुद्दीन औलिया रह0 अलैह* के आस्ताने पर आज मोहर्रम के महीने की चांद की सात तारीख को पड़ी नौचंदी जुमेरात, अकीदत के साथ फातिहा ख्वानी कर मनाई गई। दरगाह शरीफ में फजर की नमाज के बाद से चादर पोशी और फातिहा का दौर चला। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की प्रतीक दरगाह पर नौंचदी जुमेरात पर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली। दरगाह के नायब सज्जादा नशीन की सरपरस्ती में फातिहा ख्वानी कर चादर पोशी कर जिसमे बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ी और अपने अपने तरीके से अकीदत पेश की। जिसमे अल्लामा मौलाना मुहम्मद शोएब आतिर मदारी व तुलाबा जामिया चिश्तिया ने बेहतरीन अंदाज में कुरान पाक की तिलावत की इस मुबारक मौके पर लोगों ने अपने अपने तरीके से फूल व चादर चढ़ाकर अपनी अकीदत पेश कर खानकाह मे दुआएं मांगी।
उधर खानकाह के नायब सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी ने तकरीर कर कहा अहले बैत से मुहब्बत तमाम गुमराही से बचाती है और खानकाहों पर आपसी भाई चारा व *मोहब्बत सभी से नफरत किसी से नहीं* आज इसी पैगाम को हर खानकाह या दरगाह को आम करने की जरूरत है क्योंकि इन सूफियो ने अपनी खानकाह के दरवाज़े पूरी आलमे इन्सानियत के खोल रखे है। शहादते कर्बला के प्रोग्राम के मौके पर हाफिज फरहान ने.. शेरे खुदा के शेर का तेवर नहीं झुका, यानी कही से नामे बहत्तर नहीं झुका मुहम्मद अयान ने... अल्लाह की रजा मोहब्बत हुसैन की लिखता हु खूने दिल शहादत हुसैन साथ ही मुल्क की तरक्की, आपसी भाई चारे अमन और अमान के लिए दुआएं की गई। इस मौके इसरार साबरी, अंसार साबरी, रफत हुसैन मुहम्मद हनीफ उर्फ़ बबलू, मिन्हाज उर्फ लवली भाई, मुहम्मद फहीम, आक़िब, अज़हर हुसैन , मुबीन साबरी, अमीर आसिफ साबरी, शिवम, राहुल आदि अकीदमंद मौजूद रहे।