Etah Mahotsav: एटा में अजय हुड्डा के कार्यक्रम में दर्शकों का हुड़दंग, कुर्सियाँ तोड़ी, प्रशासन निष्क्रिय

Etah Mahotsav में हरियाणवी नाइट के दौरान अजय हुड्डा के कार्यक्रम में दर्शकों ने जमकर हुड़दंग मचाया, कुर्सियाँ तोड़ डालीं। इस घटनाक्रम ने आयोजन की सुरक्षा और व्यवस्था पर सवाल उठाए।

Jan 20, 2025 - 10:05
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Etah Mahotsav 2025: एटा महोत्सव में आयोजित हरियाणवी नाइट में अजय हुड्डा के कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने जमकर हुड़दंग किया। युवा दर्शकों की भीड़ ने कार्यक्रम के दौरान इतनी अराजकता मचाई कि कुर्सियाँ तक तोड़ दीं।

महोत्सव में अजय हुड्डा का परफॉर्मेंस में उत्साहित युवा दर्शकों ने न केवल कार्यक्रम में भाग लिया, बल्कि कुछ ने तो व्यवस्था से बाहर जाकर कुर्सियाँ तोड़ दीं। इस दौरान माहौल काफी गरम हो गया और आयोजकों को स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई आई।

यह घटना महोत्सव के दौरान हुई अनियंत्रित भीड़ और उत्साही दर्शकों के कारण चर्चा का विषय बन गई है। कार्यक्रम की सुरक्षा और व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि इस तरह की घटनाएं आयोजन की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं।

अधिकारियों का निजी आयोजन, मीडिया और जनता का अपमान

एटा जिले में आयोजित महोत्सव ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर यह महोत्सव स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था, वहीं दूसरी ओर यह अधिकारियों का निजी आयोजन बनकर रह गया। 

मीडिया के साथ-साथ जनता को भी इस महोत्सव से दूर रखा गया, जो इस आयोजित किए गए कार्यक्रमों का हिस्सा बनने की उम्मीद कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, महोत्सव में केवल अधिकारियों और उनके करीबी लोग ही बैठे थे, जिससे आयोजन का उद्देश्य संदिग्ध हो गया है।

मीडिया गैलरी पर पुलिस और अन्य लोगों का कब्जा, वहीं पत्रकार कार्यक्रम के दौरान इधर-उधर भटकते रहे। जानकारी के अनुसार वीआईपी और वीवीआईपी कार्ड धारकों को भी पुलिस ने पंडाल में प्रवेश नहीं दिया।

स्थानीय लोग और मीडिया कर्मी इस मामले में सख्त आपत्ति जता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के आयोजनों में जनता और मीडिया को शामिल करने के बजाय, इसे एक निजी शो में बदल दिया गया है, जिससे आयोजकों की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं।

इस घटना ने एटा महोत्सव की प्रतिष्ठा पर बुरा असर डाला है और यह सवाल खड़ा किया है कि क्या इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य सही मायनों में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है या फिर यह केवल एक सरकारी शो बनकर रह गया है।