तथ्य के साथ सत्य
तथ्य के साथ सत्य
इंसान का जीवन अच्छे कर्मों से मिलता है | इंसानियत की हमारी खासियत से ही जीवन खिलता है| अच्छा स्वभाव एक विशेष हमारी पहचान बनाता है | सब के दिलों में खास जगह दिलाता है । स्वभाव संग सुंदरता का प्रभाव इतना ही दर्शाता है जैसे कीमती तौफे को खूबसूरती से सजाकर भेंट किया जाता है।
जीवन के साथ मृत्यु इस अटल सत्य को हमेशा अपने जेहन में रखते हुए जिंदगी जीने का लाजवाब तरीका अपनायें |अतीत तो कभी भी वर्तमान नहीं बन पायेगा तो उसको याद करने की जरुरत नहीं है |भविष्य कितना बाकी है इससे भी सब अनजान है |
अत: हम आध्यात्मिकता के साथ ऐसी जिंदगी जीये ताकि सबके लिए मिसाल बन जाए। व्यक्ति मुट्ठी बन्ध करके आता है और खाली हाथ जीवन से अगले भव नही जाने की प्रेरणा मिलती है। यह तो सुना था। जीवन में नही है तो क्या, पुण्य कम है तो क्या? कर्म करो, सद् आचरण करो, मिल जाएगा। साधु, सन्त, गुरुजन, श्रावक- श्राविका , आप जैसे समृध्द चिंतन के धनी जीवन को कुछ नहीं से कुछ है बनाते है।
अपने साथ- साथ औरों के जीवन को भी समृद्ध बनाने में जुटे रहते है। समय अपनी गति से गतिमान है , इस सत्य का सभी को भान है । पर उलझे हैं हम सब ऐसे ,खुद से खुद मिल लें- इतना वक्त भी नहीं है किसी के पास जैसे । स्वयं को जान लें तो दुनिया का बेशक़ीमती ख़ज़ाना पा लें ।सत्य है ज्ञान तो बांटने से बढ़ता है।दोनों का कल्याण होता है। प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़)