कहानी - सामाजिक कुरीतियों जड़ तुष्टिकरण नीति
कहानी - सामाजिक कुरीतियों जड़ तुष्टिकरण नीति
शरद ऋतु का अक्टूबर का महीना विदा लेने जा रहा था और नवंबर का महीना तमाम तीज त्योहारों को लेकर आ रहा था ।दिवाली का त्यौहार धूमधाम से मनाने के लिए घरों की सफाई तथा तरह-तरह के पकवान हर घर में बनना शुरू होगए थे। दलित बस्ती ठाकुर शाक्य के मोहल्ले में साल भर के लिए भाग्य को आजमाने के लिए जगह-जगह जुआ के फडृ ठाकुर बलवंत सिंह पूर्व विधायक के मना करने पर भी लगगए थे। सुमेरगढ़ में इन तीन जातियों के परिवार सबसे अधिक थे लेकिन अन्य जातियां सुमेरगढ़ में रहती में थी ।इसलिए विधानसभा सांसदचुनाव में सुमेरगढ़ का सबसे ज्यादा महत्व रहताथा।
दलित बस्ती में जुआ शराब की कुरीत के कारण कभी-कभी जुआ में औरतों पर भी हारजीत हो जाती थी और औरत को लाचारी में जुआमें जीतने वाले के घर जाना पड़ता था । यह जुआ शराब की लत बहुत बुरी होती है। पुराने जमीदार पूर्व विधायक ठाकुर बलवंत सिंह की कोठी पर हर वर्ष दिवाली के अवसर पर जमकर जुआ जो होता था लेकिन कुछ वर्षों से नहीं हो रहा था । क्योंकि उनकेतीनों लड़के मिलिट्री पुलिस राजस्व विभाग वरिष्ठ अधिकारी बन गए और हर वर्ष दिवाली होली के दिनों गांव आ जाते थे। इस बार भी दीपावली का त्योहार मनाने के लिए घर आ रहे थे ।बलवंत सिंह जानते थेकि उनके लड़कों से मिलने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी उनकी कोठी पर जरूर आएंगे ।इसीलिए उन्होंने पूरे गांव के लोगों से कह रखा था कि इस साल जुआ ना उनकी कोठी पर नहीं होगा और किसी के घर पर नहीं होना चाहिए क्योंकि पकड़े जाने पर वह सिफारिश नहीं कर पाएंगे ।क्योंकि अब योगी जी का राज है इसमें सिफारिश नहीं चलती है । ठाकुर बलवंत सिंह की कोठी रंग बिरंगी विद्युत झालरों से जगमगा रही थी ।कोठी पर आने जाने वालों की भीड़ लगी हुई थी ।ठाकुर कोठी के बाहर चबूतरे पर लगी हुई कुर्सी प्लांगो पर लोग बैठे हुए थे और आने वाले ठाकुर बलवंत सिंह के लड़कों के विषय में चर्चा कर कर रहे थे। दीपावली के एक दिन पहले ठाकुर बलवंत सिंह के तीनों लड़के अपनी अपनी लग्जरी गाड़ियोंसेअपने बाल बच्चे पत्नी के साथ से आ गए ।ठाकुर बलवंत सिंह के परिवार में खुशी छा गई ।
परिवार तथा गांव के लोग ठाकुर बलबन सिंह के लड़कों से मिलने के लिए आने लगे ।ठाकुर साहब के चबूतरे पर भिड़े लगने लगी । ठाकुर बलवंत सिंह के आने वाले लड़कों में बड़ा लड़का जंग बहादुर पुलिस विभाग में डीआईजी के पद पर था ।उससे छोटा लड़का वीर बहादुर जिला अधिकारी के पद पर था और सबसे छोटा लड़का बहादुर सिंह विद्युत विभाग में इंजीनियर के पद पर था। इस प्रकार ठाकुर बलवंत सिंह का परिवार बड़ा खुशहाल परिवार था ।ठाकुर बलवंत सिंह भी अपने जमाने में एक बहुत बड़े जिमीदार परिवार के होते हुए मिलिट्री के कैप्टन पद से पद से रिटायर हुए थे। इसीलिए गांव में उनका अच्छा रुतबा था। इसीलिए निर्दलीय प्रत्याशी होते हुए भी तीन बार विधायक प्रचंड बहुमत से जीते थे। 80 वर्ष की उम्र होने पर ठाकुर साहब ने राजनीतिक संन्यास ले लिया था और गांव में रहकर अपनी खेती बाड़ी आधुनिक तरीके से कर रहे थे ।गांव के एक कॉलेज के मैनेजर भी थे। जीवन की ढलती उम्र में वह धार्मिक आध्यात्मिक प्रवृत्ति के हो गए थे ।सुबह उठकर नहा धोकर पूजा पाठ करने के लिए हनुमान के मंदिर में जाया करते थे ।गांव की भलाई के लिए बुजुर्ग होने पर भी सामाजिक सेवा कार्य मैं लगे रहते थे। दीपावली के तीसरे दिन जनपद के वरिष्ठ अधिकारी गण डीआईजी और जिलाधिकारी से मिलने के लिए ठाकुर साहब की कोठी पर आए हुए थे और नाश्ता पानी कर रहे थे ।तभी दलित बस्ती से रोती हुई दो औरतें जनपद के पुलिस अधीक्षक से अपने आदमियों की शिकायत लेकर आ गई।
टीकमपुर एक औरत का नाम रामकली था जो अपने पति की मार से घायल होकर एक शिकायती प्रार्थना पत्र लेकर जनपद के एसपी से मिलने के लिए आई हुई थी उसने जनपद के एसपी से शिकायत करते हुए कहा कि उसके बस्ती के चार लोग उसके आदमी को जुआ खेलने के लिए ले गए जुआ खेलने के पहले उसके आदमी को खूब शराब पिलाई गईजब वह नशा मे हो गयातो जुआमेअपनी औरत को दांव पर लगाने के लिए उनके आदमी को मजबूर कर दिया। शराब नशे में मेरे आदमी ने मुझे दांव पर लगा दिया । जब मेरा आदमी जुआ में मुझे हार गया तो वे चारों आदमी मुझे लेने के लिए आ गए ।जब मैं उनके साथ जाने के इनकार किया तो उन चार आदमियों ने मेरी पिटाई की ।मेरे रोने की आवाज सुनकर जब मोहल्ले के कुछ लोग आ गए तो वह चारों लोग भाग गए। अब मेरा आदमी मुझे उन चार आदमियों के पास जाने के लिए मजबूर कर रहा है। मैं अपने आदमी से किसी तरह से छूट कर एसपी साहब मैं आपके पास आ गई क्योंकि मोहल्ले के लोगों ने बताया था की एसपी साहब ठाकुर साहब के घर पर आए हुए हैं ।उस औरत की शिकायत को सुनकर जिला के एसपी ने अपने शहर कोतवाल को उन चारों लोगों तथा उसके आदमी को पड़कर कोतवाली ले जाकर कठोर कार्रवाई करने के लिए आदेश कर दिए । महिला कोतवाल के साथ अपने मोहल्ले में लौट गई। उस दलित महिला के जाने के बाद एक मुस्लिम लेडी रोती हुई जनपद के एसपी के पास आ गई और एक शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए बताया उसके आदमी ने शराब के नशे में उसे छोड़ने देने की बात कही तो मोहल्ले की मुस्लिम आदमियों औरतों ने यह बात मुल्लाजी तक पहुंचा दी ।अब मुल्लाजी का कहना है की तलाक हो गया है ।अब अगर तुम्हें अपने आदमी के साथ रहना हैऔरअब आदमी भी तुम्हें रखना चाहता है तो तुम्हें दूसरे आदमी के साथ निकाह करके एक रात उसके पास रहना होगा ।उसके बाद अपने आदमी के पास फिर निकाह करना पड़ेगा और हलाल करना पड़ेगा ।एसपी साहब ने पास खड़े इंस्पेक्टर को कठोर कार्रवाई करने के लिए आदेश दे दिए और वह मुस्लिम औरत इंस्पेक्टर के साथ कोतवाली चली गई ।डीआईजी ने मिलने आए एसपी से कहा अशिक्षित दलित बस्तियों से जुआ खेलने शराब पीने की कुरीतियों नहीं जा रही है ।उनके नेता इस और ध्यान नहीं देते और ना सामाजिक सुधार करने के प्रयास नहीं करते हैं।
इसी प्रकार मुस्लिम समुदाय में कुछ कुरीतियों चली आ रही है उनके सुधार के लिए कानून भी बन गए हैं लेकिन मुला लोग इन्हें लागू नहीं होने देते। पास बैठे एक नेता ने कहा बोटलेने की तुष्टिकरण नींति के कारण मोदी योगी द्वारा बनाए गए कानून नियमों को यह विरोधी नेता लागू नहीं होने दे रहे हैं। एसपी साहब बोले आप जो बात कह रहे हैं इसमें सुधार आप ही लोग ला सकते हैं ।समय काफी हो चुका था ।इसलिए मिलने आए हुए अधिकारी लोग चले गए ।डीआईजी के पास बैठे एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि हमारे नेताओं को देश कीउन्नति खुशहाली से कोई लेना देना नहीं है ।केवल सत्ता पाने के लिए जातिगत दृष्टीकरण नीति और झूठ बोलकर सत्ता तक पहुंचने के लिएचौविसघंटा छटपटाते रहतेहै। कुछ देर बैठकर पत्रकार महोदय भी चले गए। तीन-चार दिन रहने के बाद ठाकुर बलवंत सिंह के तीनों लड़के भी अपने-अपने शहर चले गए। इस वर्ष बलवंत सिंह ने दिवाली का त्यौहार बड़े धूमधाम पारिवारिक खुशियों के साथ मनाया ।
बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी