आचार्य श्री भिक्षु का 299 वाँ जन्म दिवस एवं 267 वाँ बोधि दिवस -
आचार्य श्री भिक्षु का 299 वाँ जन्म दिवस एवं 267 वाँ बोधि दिवस -
प्रातः स्मरणीय महामना आचार्य श्री भिक्षु के 299 वाँ जन्म दिवस तथा 267 वाँ बोधि दिवस मेरा भावों से शत - शत वन्दन । आज के इस अवसर पर मेरी भावना -- आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले । धर्म बिना सूना यह जीवन सारा ।
यो ही इसको व्यर्थ न गंवाना । मोह माया में फंस कर इसमें न धँसना । आखिर में परिणाम संसार भ्रमण करना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले । अर्थ को सर्वे सर्वा मानकर न रमना । जीवन को पल - पल क्षीण न करना । अर्थ की बढ़ोतरी में हर समय न झोंकना । अर्थ की इस रटन को दूर करते रहना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले । जीवन की चादर को काली नहीं करना ।
रम कर संसार में पाप का घड़ा न भरना । त्याग - तपस्या सत्संगत में जीवन लगाना । धर्म से जीवन को विमल बनाना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले । धर्म सदा जीवन का साथी । जानते हुए सब भूली जाती । अंतर दिल धर्म में रमाना । शाश्वत सुख की और बढ़ना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले । सन्त - सतियां कितनी बार फरमाते । झूठा है यह सब जग का नाता ।
विषयों में भान भूलकर नहीं रमना । प्रभु को कभी नहीं भूलना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले । धर्म की सरिता में रमना है । अंतर मन को धोना हैं । मनुष्य भव जगने की बेला । इसको हमको नहीं खोना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले ।
दुनियां के झूठे झंझट में न लगना । जीवन को व्यर्थ नहीं करना । अज्ञान तिमिर को हरना । आत्मा का ‘प्रदीप’पाना । आचार्य श्री भिक्षु का स्मरण कर ले ।
प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )