लोहिया में कुपोषित बच्चों के आहार की चोरी का खुलासा: की गई खानापूर्ति
लोहिया में कुपोषित बच्चों के आहार की चोरी का खुलासा: की गई खानापूर्ति
फर्रुखाबाद। लोहिया अस्पताल में भर्ती कुपोषित बच्चों का आहार चोरी किया जा रहा है। अधिकारियों के द्वारा कड़ी कार्रवाई के बजाय खानापूर्ति किए जाने के कारण मासूमों का निवाला चोरी करने वालों पर कोई असर नहीं होता है। मुख्य विकास अधिकारी के निरीक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है।
नियमानुसार कुपोषित बच्चों को 24 घंटे में आठ बार भोजन दिया जाना चाहिए लेकिन मात्र तीन बार ही भोजन देकर आहार चोरी किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा आज अपरान्ह एक बजे लोहिया अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय मुख्य चिकित्साधीक्षक (पुरूष) जिला कार्यक्रम अधिकारी, डॉ0 विवेक सक्सेना मौजूद रहे।निरीक्षण के समय एनआरसी पर 7 बच्चे एडमिट पाये गये।
उनमें से एक बच्चे की मां श्रीमती गोमती पत्नी दिनेश भोजन करती पायी गयी। भोजन में उन्हें दाल, रोटी व सब्जी दी गई थी। पूँछे पर महिला ने बताया कि दाल में नमक की मात्रा कम है तथा दाल की गुणवत्ता ठीक नहीं है। एनआरसी पर अन्य बच्चे की मां श्रीमती धनदेवी ने बताया गया कि सुबह का भोजन दोपहर एक बजे तथा रात्रि का भोजन सायं 5 बजे दिया जाता है।
मुख्य चिकित्साधीक्षक को निर्देशित किया गया कि भोजन निर्धारित समय पर दिया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए की भोजन की गुणवत्ता ठीक रहे। बच्चों की माताओं ने बताया गया कि बच्चों को तीन समय खिचड़ी, दलिया, खीर व दूध दिया जाता है। जबकि डाइट रजिस्टर की की जांच करने पर खुलासा हुआ कि बच्चों को भोजन प्रातः 8 बजे, प्रातः 11 बजे, दोपहर 2 बजे, सायं 5 बजे, रात्रि 8 बजे, रात्रि 11 बजे, रात 2 बजे एवं प्रातः 5 बजे भोजन दिया जा रहा है।
लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक को निर्देशित किया गया कि निर्धारित समय पर बच्चों को निर्धारित मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जाए। निरीक्षण के समय एनआरसी की कुक दिव्या सक्सेना मौजूद नहीं थी।
जिसके सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिक्षक को हिदायत दी गई कि अनुपस्थित कुक का स्पष्टीकरण प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें। एनआरसी में एडमिट बच्चों के अभिभावकों को प्रत्येक दिवस 50 रूपये डीवीटी के माध्यम से दिये जाते हैं। मुख्य चिकित्साधिक्षक को निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित कर लें एनआरसी में एडमिट समस्त बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि पहुँच गयी है।