भ्रष्ट ग्राम प्रधान कर रहा मनरेगा कार्यों में लाखों का गोल माल
शमशाबाद। भ्रष्ट ग्राम प्रधान कर रहा मनरेगा कार्यों में लाखों का गोल माल *विकासखंड शमसाबाद में मनरेगा कार्यो में घोटालेबाजों की पौ बारह,
तेरह दिनों से कागजों में चल रहा कार्य,धरातल पर कुछ भी नहीं,*
एक तरफ जहां प्रदेश सरकार ग्राम विकास के लिए लाखों रुपए ग्राम विकास निधि में उपलब्ध करा रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लग सके मनरेगा के अंतर्गत गांव का विकास कराकर ग्रामीण किसानों को सुविधा मुहैया कराकर उक्त क्षेत्र की एक अलग पहचान हो इनके लिए सरकार समय समय पर ग्राम बिकास अधिकारी कार्यालय पर समीक्षा भी की जाती है मगर दुख है सरकार तथा प्रशासन भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है हकीकत को देखा जाए तो शमशाबाद विकासखंड में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि घोटालेबाज प्रधानों से पार पाना मुश्किल ही नहीं आसमान से तारे तोड़ने के बराबर है।
यही कारण है ग्रामीण क्षेत्रों में विकास तो नहीं हो रहा है लेकिन विकास के नाम पर भ्रष्टाचार जरूर हो रहा है ग्राम बिकास के नाम पर ग्रामीणों को छला जा रहा है बही ग्राम प्रधान रामपाल मनरेगा में लाखों रुपए का घोटाला कर अपना विकास जरूर कर रहा है हालाकि सरकार ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए तमाम उपाय किए लेकिन सारे उपाय निर्थक साबित हो रहे हैं कहावत है।
*तू डाल-डाल,मैं पात पात,* इसी कहावत को चरथार्थ कर ग्राम प्रधान रामपाल मनरेगा कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है मनरेगा के कार्य को सिर्फ कागजों में ही घोटाला कर अधिकारीयों के मुंह पर तमाचा जड़ रहा है इसका ताजा उदाहरण विकासखंड शमसाबाद के ग्राम गुटैटी दक्षिण में देखने को मिला जहां मनरेगा के अंतर्गत चक रोड़ पर मिट्टी का कार्य कागजों में होना दर्शाया गया है लेकिन हकीकत में धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
इस संबंध में जब गांव के ग्रामीणों से जानकारी की गई तो कई ग्रामीणों ने दबी जुवान में बताया ग्राम विकास के नाम पर ग्राम प्रधान रामपाल अपना खुद का भला कर रहा है जबकि ग्रामीणों के साथ छलावा किया जा रहा है ग्राम पंचायत गुटैटी दक्षिण में जो विकास कार्य कराए जा रहे हैं बो सिर्फ कागजों तक ही सीमित है धरातल पर कुछ भी नहीं है ग्राम पंचायत गुटैटी दक्षिण में मनरेगा योजना के अंतर्गत रामबीर के खेत से मटरू के खेत तक चक रोड पर मनरेगा के 30 मजदूरों के सहारे मिट्टी का कार्य पिछले 21 नवंबर से दर्शाया जा रहा मगर चकरोड पर पिछले 13 दिनों के दौरान किसी भी मजदूर को फावड़ा चलाते हुए भी नहीं देखा गया है।
कुछ ग्रामीण किसानो ने बताया मनरेगा के कार्य में कुछ ऐसी महिलाएं हैं जो घूंघट की आड़ में घर गृहस्थी को संभालने का कार्य करती है कुछ ऐसी महिलाएं जिन्होंने घर की चौखट से बाहर कदम नहीं रखा उनकी भी मनरेगा मजदूर की हाजिरी लग रही है ग्रामीणों का कहना है अगर प्रशासन द्वारा विकास कार्यों की जांच कराई जाए तो सारी हकीकत सामने आ सकती है फिलहाल ग्राम विकास के नाम पर भ्रष्टाचार के जरिए प्रधान रामपाल द्वारा लाखों का खेल जारी है जो ग्रामीणों में आक्रोश का कारण बना हुआ है हालाकि इस संबंध में जब ग्राम प्रधान रामपाल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो बात नही हो सकी, रिपोर्टर *महेश वर्मा*